बरेली: जीएम की नौकरी देने के नाम पर ठगे 5.25 लाख, खून का भी कराया टेस्ट
बरेली,अमृत विचार। कोविड काल में निजी कंपनी में जीएम के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर साइबर ठगों ने इंजीनियर को अपने जाल में फंसाकर 5.25 लाख रुपये की ठगी कर ली। यहीं नहीं ठगों ने मेडिकल टेस्ट के नाम पर अपने साथी को इंजीनियर के घर भेजा और उसके ब्लड का सैंपल भी …
बरेली,अमृत विचार। कोविड काल में निजी कंपनी में जीएम के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर साइबर ठगों ने इंजीनियर को अपने जाल में फंसाकर 5.25 लाख रुपये की ठगी कर ली। यहीं नहीं ठगों ने मेडिकल टेस्ट के नाम पर अपने साथी को इंजीनियर के घर भेजा और उसके ब्लड का सैंपल भी लिया। पीड़ित की शिकायत पर इज्जतनगर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
इज्जतनगर के जीएन सिटी निवासी अमित कुमार माथुर ने बताया कि वह अरुणाचल प्रदेश में एक कंपनी में इंजीनियर के पद पर तैनात थे। कोविड काल में उनकी नौकरी गई तो वह बरेली आ गए। कुछ समय पहले उनके पास नौकरी डाॅट कॉम से फोन आया और बताया कि उन्हें टाटा प्रोजेक्ट में जीएम की नौकरी के लिए चुना गया है।
इसके बाद साइबर ठगों ने कभी फाइल, कभी सिक्योरिटी, कभी मेडिकल समेत कई मामलों के लिए उन्हें फोन करके अपने खााते में लगभग 5.25 लाख रुपये जमा करा लिए। इस दौरान मेडिकल टेस्ट की बात कहते हुए साइबर ठगों ने अपने साथी को उनके घर भेजकर उनके ब्लड का सैंपल भी लिया और फिर उन्हें ज्वाइंनिग लेटर भी दिया गया। बाद में पता चला कि सब फर्जी था।
क्रेडिट कार्ड बंद करने के नाम पर 2.99 लाख ठगे
इज्जतनगर के कर्मचारी नगर निवासी खेमकरन लाल मौर्या ने बताया कि वह ग्राम विकास विभाग से एडीओ के पद से रिटायर हुए थे। उन्होंने एक क्रेडिट कार्ड लिया था। जिसकी लिमिट छह लाख रुपये थी। बाद में उन्होंने इस लिमिट को 50 हजार करा दिया था। वह 16 अगस्त को बैंक गए और अपने कार्ड को बंद करने के लिए कहा। इस पर 9 सितंबर को उनके पास फोन आया और फोन करने वाले बताया कि वह एसबीआई क्रेडिट कार्ड डिपार्टमेंट से बात कर रहा है।
उनका क्रेडिट कार्ड बंद कराने के नाम पर उन्होंने एक लिंक भेजकर उसे डाउनलोड कराया और फिर उनके एकाउंट से 2 लाख 99 हजार रुपये उड़ा दिए। पीड़ित ने इसकी शिकायत पुलिस से की जिसके बाद पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। साइबर ठग ने खेमकरन की मां का नाम लिया और उनके क्रेडिट कार्ड का नंबर भी बताया। साथ ही यह भी बताया कि उन्होंने अपने कार्ड को बंद करने की बात बैंक को बताई थी। इससे साफ जाहिर होता है कि बैंक का कोई न कोई कर्मचारी जरूर साइबर ठगों से मिला है और डेटा लीक करता है।
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