बरेली: मीरगंज के इस गांव में लंपी वायरस ने दी दस्तक, दर्जनों गाय, बछड़ों और बैलों को चपेट में लिया

बरेली: मीरगंज के इस गांव में लंपी वायरस ने दी दस्तक, दर्जनों गाय, बछड़ों और बैलों को चपेट में लिया

बरेली अमृत विचार। राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड में कहर मचाने के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश से होते हुए लंपी स्किन रोग (Lumpy Skin Disease) मीरगंज के पशुओं में भी मिलने लगा है। गांव समसपुर के दर्जनों जानवरों जिनमें गाय, बछड़े,व बैल शामिल हैं। इनमें लंपी स्किन डिजीज मिला है। ग्रामीण राजेंद्र सिंह ने बताया …

बरेली अमृत विचार। राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड में कहर मचाने के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश से होते हुए लंपी स्किन रोग (Lumpy Skin Disease) मीरगंज के पशुओं में भी मिलने लगा है। गांव समसपुर के दर्जनों जानवरों जिनमें गाय, बछड़े,व बैल शामिल हैं। इनमें लंपी स्किन डिजीज मिला है। ग्रामीण राजेंद्र सिंह ने बताया कि उसने पशु चिकित्सा अधिकारी को फोन कर जानकारी दी तो डॉक्टर ने बताया कि वह छुट्टी पर हैं उन्होंने फतेहगंज के डॉक्टर का नंबर दिया।

हालांकि इस गांव में कोई गौशाला नहीं है और सबसे अधिक इस गांव में आवारा सांड, गाय, बैल आवारा घूमते हैं और फसलों को नुकसान पहुचाते हैं। मंगलवार को उनमें भी ये बीमारी के लक्षण दिखाई दिए हैं। आवारा छुट्टा जानवरों के अलावा घरेलु पशुओं में भी ये बीमारी देखने को मिली है। गांव में हड़कंप मचा हुआ है। किसी ने गांवों की तरफ कोई रुख नही किया है। गांवों में लंपी डिजीज वायरस की वैक्सीन नही लगी है। ग्राम प्रधान गुडडू वर्मा ने बताया कि मुझे जानकारी मिली है अब डॉक्टर को इस मामले में जानकारी दूंगा। गांव में कोई भी गौशाला नही है।

गांव समसपुर के राजेंद्र सिंह की गाय, बीरपाल सिंह निवासी समसपुर का बछड़ा इस बीमारी से पीड़ित है। इसके अलावा राजेश निवासी तातारपुर के बैल, श्याम सिंह निवासी तातारपुर की गाय तथा आवारा घूमने वाली कई दर्जनों गायों को ये बीमारी लग चुकी है।
आवारा जानवर गांव समसपुर में रोड किनारे रहते हैं बारिश से अब वह जगह तालाब में तब्दील हो गई। वहां पानी भरा हुआ है। वहीं ग्रामीणों की मानें तो उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों में समुचित साफ सफाई की व्यवस्था नहीं है।

राजेंद्र सिंह निवासी ग्राम समसपुर ने बताया कि गांव में इस बीमारी को फैले हुए तीसरा दिन है और आज गाय की आंखों से पानी भी आ रहा है। गाय पूरी रात बैठी नहीं है चारा भी कम खा रही है। विगत सोमवार को हमने ग्राम प्रधान को सूचना दी थी। उन्होंने कहा कि ब्लॉक में सूचना दे देंगे। गांव के ही डॉक्टर से सलाह मशवरा लिया था। हमारे घर में इसके अलावा छोटे बड़े चार जानवर हैं।

ग्रामीण राजेश निवासी तातारपुर ने बताया कि विगत 2 दिनों से हमारे बैलों में यह लक्षण दिखाई दिए हैं। बैलों के जिस्म पर मोटे-मोटे निशान बने हुए हैं। इन बैलों से खेती-बाड़ी का कार्य करते हैं। बैल चारा नहीं खा रहे हैं भूसा और चरी डाली थी।

श्याम निवासी तातारपुर ने बताया कि विगत तीन-चार दिन से उनकी गायों में लंपी डिजीज बीमारी के लक्षण दिखाई दिए हैं हमने इसकी सूचना डॉक्टर को दी है। ब्लॉक व अन्य जगह से कोई भी देखने नहीं आया।

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