कैसे होगा क्राइम कंट्रोल! हैकरों ने पीलीभीत पुलिस को ही कर लिया हैक

पीलीभीत, अमृत विचार। साइबर ठगी रोकने के लिए पुलिस अभियान चला रही है। कार्यशाला आयोजित कर जागरूक किया जा रहा है। मगर, घटनाओं की रोकथाम के बजाए पुलिस अफसर खुद ही शिकार हो गए। अब तो हद ही हो गई, कमान संभालने वाले जनपद के पुलिस कप्तान (एसपी) की फोटो लगाकर पीलीभीत पुलिस का एक …
पीलीभीत, अमृत विचार। साइबर ठगी रोकने के लिए पुलिस अभियान चला रही है। कार्यशाला आयोजित कर जागरूक किया जा रहा है। मगर, घटनाओं की रोकथाम के बजाए पुलिस अफसर खुद ही शिकार हो गए। अब तो हद ही हो गई, कमान संभालने वाले जनपद के पुलिस कप्तान (एसपी) की फोटो लगाकर पीलीभीत पुलिस का एक फेक पेज तैयार किया गया है। जिसका उपयोग कर परिचितों से रुपये मांगे गए। मगर, इसके बाबजूद ठगों के बारे में महकमा कुछ भी पता नहीं लगा सका।
पिछले काफी समय से साइबर ठगों के आगे पुलिस बेबस है। भले ही पुलिस खुद को समय के साथ हाईटेक करने का दंभ भरती हो। मगर, धरातल की हकीकत को बदला नहीं जा सकता। इस तरह से ठगी करने वालों के गिरेबां तक खाकी के हाथ नहीं पहुंच पाए। पुलिस शिकायतों पर इसी वजह से रिपोर्ट दर्ज करने के बजाए टरकाती है।
अब तो मातहत नहीं हाकिम यानी कि जनपद के एसपी दिनेश कुमार की ही फोटो लगी पीलीभीत पुलिस की फेक आईडी तैयार कर ली गई है। जिससे रुपये की मांग की जा रही है। शुक्रवार हुए इस मामले के बाद पुलिस की एक बार फिर फजीहत हो गई। मामले में अफसर जालसाजों का पता नहीं लगा सके हैं। मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।
पीलीभीत पुलिस की आईडी हैक नहीं की गई है। किसी हैकर के द्वारा पीलीभीत पुलिस का दूसरा फेक पेज बना दिया गया है। जिसके द्वारा लोगों से रुपयों की मांग की जा रही है। इस मामले में कोतवाली में अज्ञात के खिलाफ अभियोग पंजीकृत किया गया है— दिनेश कुमार पी, एसपी।
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