प्राचीन विरासत को भूल रही आज की युवा पीढ़ी: अनिल त्रिपाठी

बहराइच। सेनानी भवन में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के शहीद बलभद्र सिंह का बलिदान दिवस सोमवार को मनाया गया। सेनानी उत्तराधिकारियों ने अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संरक्षक अनिल त्रिपाठी ने कहा कि वर्तमान युवा पीढ़ी लगातार भौतिक सुख साधनों पर अग्रेषित होते हुए अपनी प्राचीन ऐतिहासिक विरासत को भूलती जा …
बहराइच। सेनानी भवन में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के शहीद बलभद्र सिंह का बलिदान दिवस सोमवार को मनाया गया। सेनानी उत्तराधिकारियों ने अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संरक्षक अनिल त्रिपाठी ने कहा कि वर्तमान युवा पीढ़ी लगातार भौतिक सुख साधनों पर अग्रेषित होते हुए अपनी प्राचीन ऐतिहासिक विरासत को भूलती जा रही है जो कि युवा पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्य के लिए ठीक नहीं है।
प्रांतीय कार्यवाहक महामंत्री रमेश कुमार मिश्र ने कहा कि बहराइच के स्वतंत्रता सेनानियों के प्रयास से ही चहलारी घाट के विशालकाय सेतु का नाम बलभद्र सिंह के नाम से हुआ। युवा शाखा के अध्यक्ष मुकेश श्रीवास्तव ने कहा कि सेनानियों की तीसरी और चौथी पीढ़ी के हजारों सेनानी उत्तराधिकारी जनपद में मौजूद है, लेकिन सक्रियता की कमी से सरकारी संसाधनों से उपेक्षित हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भानु प्रताप द्विवेदी ने कहा कि रक्त और जीवन की परवाह के बगैर जिन 600 सैनिकों ने बलभद्र सिंह के साथ अपनी शहादत दी आज राष्ट्र उनके आगे नतमस्तक है।
अंत में कार्यक्रम का संचालन कर रहे संगठन महामंत्री आदित्य भान सिंह ने सभी सेनानी उत्तराधिकारियों को देश के प्रति अपनी पूर्वजों की तरह समर्पण का भाव पैदा करने की प्रेरणा की शपथ दिलाकर कार्यक्रम के समापन की घोषणा की। कार्यक्रम में विशेष रूप से विशेश्वर नाथ अवस्थी, रीता कुमारी, रामभुलावन मिश्र, रामदीन गौतम, राम गोपाल वर्मा, श्यामलाल गौतम, यदुनाथ यादव, शांति प्रसाद यादव, जाहिर अली, फूलमती देवी सहित सेनानी उत्तराधिकारी मौजूद रहे।
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