हल्द्वानी: सुनो सरकार ! बस नाम का ‘अतिथि देवो भव:’… जमीनी हकीकत ऐसी Tourist दोबारा न आएं पहाड़

हल्द्वानी: सुनो सरकार ! बस नाम का ‘अतिथि देवो भव:’… जमीनी हकीकत ऐसी Tourist दोबारा न आएं पहाड़

संजय पाठक, हल्द्वानी, अमृत विचार। उत्तराखंड सिंपली हेवन… इन्हीं तीन शब्दों के साथ उत्तराखंड सरकार और पर्यटन मंत्रालय देश-दुनिया के पर्यटकों को उत्तराखंड आने का बुलावा देता है। लेकिन जब देश के कोने-कोने से पर्यटक उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों का लुत्फ उठाने उत्तराखंड पहुंचते हैं तो उन्हें बदहाल सिस्टम की वजह से तमाम दुश्वारियों का …

संजय पाठक, हल्द्वानी, अमृत विचार। उत्तराखंड सिंपली हेवन… इन्हीं तीन शब्दों के साथ उत्तराखंड सरकार और पर्यटन मंत्रालय देश-दुनिया के पर्यटकों को उत्तराखंड आने का बुलावा देता है। लेकिन जब देश के कोने-कोने से पर्यटक उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों का लुत्फ उठाने उत्तराखंड पहुंचते हैं तो उन्हें बदहाल सिस्टम की वजह से तमाम दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है।

खिड़की से घुसकर बस की सीट पाने ने सफल हुई महिला यात्री।

ऐसा ही कुछ हाल इन दिनों उत्तराखंड रोडवेज के हल्द्वानी बस अड्डे का भी है। यात्रियों की यात्रा को सुगम बनाने के लिए उत्तराखंड रोडवेज प्रबंधन के तमाम दावे गर्मियों के सीजन में बेपर्दा हो गए। यात्रा सुगम बनाना तो दूर यात्रियों को एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए रोडवेज की बसें तक नहीं मिल रही हैं। हल्द्वानी के रोडवेज बस अड्डे में रोजाना विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल नैनीताल की सैर को देश के कोने-कोने से लोग पहुंच रहे हैं। इनमें बच्चे,महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल हैं लेकिन बसों में सीट पाने के लिए सबको पसीना बहाना पड़ रहा है। बस के दरवाजे से इंट्री नहीं मिलने पर यात्री खिड़कियों से बस में सीट पाने कब्जाने को मजबूर हैं।

दोपहर करीब 11:45 बजे जैसे ही नैनीताल जाने वाली बस रोडवेज बस अड्डे पर पहुंची तो सीट पाने को इस कदर जुटी यात्रियों की भीड़।

पुरुष तो पुरुष महिला यात्री भी खिड़की के सहारे सीट पाने की जद्दोजहद कर रहे हैं। ऐसी हालत में बुजुर्ग और बच्चों के लिए बस में सीट पानी किसी चुनौती से कम नहीं हो रहा है। इतना ही नहीं 35 सीट वाली बस में 70 से अधिक यात्री ठूंस ठूंस कर सफर करने को मजबूर हैं। ऐसे में पहाड़ी रूट पर सुरक्षा को ताक पर रखकर यात्री सफर करने को मजबूर हैं लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं है। यही वजह है कि यात्रियों का उत्तराखंड की सैर करने का अनुभव शुरुआती दौर में ही असहज और परेशान करने वाला हो रहा है।

नैनीताल जाने वाली बस में कुछ इस तरह सफर करने को मजबूर हुए यात्री।

अमृत विचार की टीम ने जब यात्रियों से बात की तो उन्होंने बताया कि पर्यटन सीजन और चार धाम यात्रा का उत्तराखंड सरकार खूब प्रचार कर रही है। टीवी अखबारों में विज्ञापन जारी कर लोगों को उत्तराखंड आने का निमंत्रण भी दे रही है लेकिन यहां सुविधाएं नाकाफी हैं। जब सरकार को पहले से पता था कि गर्मियों की छुट्टी और चार धाम यात्रा के लिए पर्यटक पहुंचेंगे तो व्यवस्थाएं भी उसी हिसाब से करनी चाहिए थीं।

रोडवेज बस अड्डे में यात्री सुविधाओं का जायजा लेते एआरएम सुरेंद्र सिंह बिष्ट।

इधर, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, हल्द्वानी डिपो सुरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि कई बसें चार धाम यात्रा रूट पर भेजी गई हैं। ऐसे में वीकेंड में यात्रियों की संख्या बढ़ने की वजह से दिक्कत आ रही है। ऐसे में अतिरिक्त बसें लगाकर पर्यटकों को सुविधा देने के प्रयास किए जा रहे हैं। बहरहाल जमीनी हकीकत पर्यटकों को परेशान करने वाली है और उत्तराखंड सरकार और परिवहन निगम है कि सब कुछ जानते समझते हुए भी मौन है।

 

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