पीलीभीत: सैनेटरी पैड खरीद घोटाले में कमेटी करेगी जांच

पीलीभीत, अमृत विचार। 24 दिन पहले शासन से आई ऑडिट टीम ने सीएमओ कार्यालय के अफसरों द्वारा खरीदे गए सैनेटरी पैड में 25 लाख रुपये का घोटाला पकड़ा था। टीम की रिपोर्ट के बाद सीएमओ ने इस खरीद की जांच करने के निर्देश दिए हैं। सीएमओ का तर्क है कि सैनटेरी पैड की खरीद का …

पीलीभीत, अमृत विचार। 24 दिन पहले शासन से आई ऑडिट टीम ने सीएमओ कार्यालय के अफसरों द्वारा खरीदे गए सैनेटरी पैड में 25 लाख रुपये का घोटाला पकड़ा था। टीम की रिपोर्ट के बाद सीएमओ ने इस खरीद की जांच करने के निर्देश दिए हैं। सीएमओ का तर्क है कि सैनटेरी पैड की खरीद का मामला उनके समय का नहीं है इसलिए सत्यता जांचने के लिए एक कमेटी बनाकर स्वयं जांच करेंगे। जांच के निर्देश होते ही इस प्रकरण से जुड़े अफसर और कर्मचारियों की धड़कनें बढ़ गई है।

सीएमओ कार्यालय में कोरोना काल के दौरान भ्रारी मात्रा में शासन ने बजट जारी किया था ताकि स्वास्थ्य संबंधी किसी तरह की परेशानी न हो सके। वित्तीय वर्ष 2021 पूरा होने के बाद दो मार्च को स्वास्थ्य भवन के महानिदेशक कार्यालय से दो सदस्यीय टीम को ऑडिट करने के लिए पीलीभीत सीएमओ कार्यालय आई थी। जहां टीम ने राज्य वित्त का लेखा जोखा रखने वाले लिपिक राजेश कुमार से अभिलेख मांगकर अपना ऑडिट पूरा किया था। यह ऑडिट तीन दिनों तक चला था।

जिसमें विभाग की ओर से स्कूल और कॉलेजों में पढ़ने वाली बालिकाओं को बांटने के लिए खरीदे गए सैनेटरी पैड में 25 लाख रुपये का घोटाला पकड़ा था। अभिलेखों में सैनेटरी पैड की खरीद पर 25 लाख रुपये का खर्च तो दिखाया गया था मगर, टीम को सैनेटरी पैड के मांग पत्र और उपभोक्ता पत्र नहीं दिखाएं जा सके थे। न ही डीआईओएस और बीएसए की ओर से भेजी गई डिमांड का पत्र दिखाया गया।

जब इस प्रकरण में तत्कालीन सीएमओ डॉ. सीमा अग्रवाल से भी बात की गई तो वह कोई जवाब नहीं दे सकीं। ऑडिट टीम ने अंदेशा जताया था कि सैनेटरी पैड की खरीद किए बिना ही 25 लाख रुपये का खर्च बजट में दिखा दिया। इस पर टीम ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी है। शासन ने सीएमओ से इस प्रकरण में जवाब भी मांगा है।

घोटाला सामने आने के बाद सीएमओ डॉ. आलोक कुमार ने अपनी अध्यक्षता में एक कमेटी बनाकर जांच करने के निर्देश दिए हैं। वे सैनेटरी पैड से जुड़े अफसरों और कर्मचारियों से जानकारी जुटा रहे हैं। उनका तर्क है कि वह स्टोर में जाकर स्वयं स्टॉक रजिस्टार और बिल बाउचर को चेक करेंगे। साथ ही कि फर्म से कितने पैड खरीदे गए हैं और किस स्कूल कॉलेजों में इनका वितरण किया गया है। इसकी पूरी पड़ताल शुरू कर दी है।

1400 में केवल 700 बिल बाउचर मिले थे उपलब्ध

राज्य वित्त के बजट से विभिन्न मदों पर हुए व्यय का ऑडिट कर रही टीम को अभिलेख अधूरे मिले हैं। सूत्रों के मुताबिक करीब 1400 बिल बाउचरों में से केवल 700 बिल बाउचर ही लिपिक दिखा सका था। विभागीय कर्मियों द्वारा टीम को अंतिम समय तक बिल बाउचर उपलब्ध कराने का झूठा आश्वासन दिया जाता रहा लेकिन मांगे गए सभी बिल बाउचर व अभिलेख नहीं दिखा सके थे।

सैनेटरी पैड खरीद प्रकरण में कमेटी बनाकर स्वयं ही जांच कर रहे हैं। सभी स्टॉक रजिस्टर और बिल बाउचर चेक किए जा रहे है। जांच में यदि कोई दोषी मिला तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। —डॉ. आलोक कुमार, सीएमओ

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