सतर्कता व सावधानी

भारत में कोरोना के घटते मामलों के बीच महामारी का डर कम होने पर तमाम राज्यों में पाबंदियां पूरी तरह हटा ली गईं, लेकिन कोरोना का कहर अभी खत्म नहीं हुआ है। भारत में भले ही अभी कोरोना के मामले कम हों लेकिन एशिया के कई देशों में कोरोना इस समय कहर बनकर टूट रहा …

भारत में कोरोना के घटते मामलों के बीच महामारी का डर कम होने पर तमाम राज्यों में पाबंदियां पूरी तरह हटा ली गईं, लेकिन कोरोना का कहर अभी खत्म नहीं हुआ है। भारत में भले ही अभी कोरोना के मामले कम हों लेकिन एशिया के कई देशों में कोरोना इस समय कहर बनकर टूट रहा है। पड़ोसी देश चीन में संक्रमण की दर में एक बार फिर से उछाल देखा गया है।

चीन में मामले बढ़ना चिंताजनक है, क्योंकि दो साल पहले कोरोना वायरस के संक्रमण की शुरुआत भी यहीं से हुई थी। चीन के साथ-साथ दक्षिण कोरिया, हांगकांग वियतनाम जैसे देशों में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। चीन के शेनझेन से लेकर किंगदाओ तक के लोग संक्रमित हो रहे हैं। सोमवार को मुख्य भूभाग के कई शहरों में संक्रमण के 1,337 मामले सामने आए।

हालांकि यूरोप या अमेरिका या हांगकांग में आने वाले संक्रमण के मामलों से यह संख्या कहीं कम हैं। हांगकांग में रविवार को कोरोना वायरस के 32,000 मामले आए जो दो वर्षों में सबसे अधिक है। संक्रमण के ये ज्यादातर मामले ओमीक्रोन स्वरूप के बी.ए.2 स्वरूप के हैं जिसे ‘स्टील्थ ओमीक्रोन’ भी कहा जाता है।
भारत में इस समय कोरोना से राहत है। देश में सोमवार को कोरोना के 2,503 नए मामले दर्ज किए गए हैं, जो 680 दिनों में सबसे कम हैं। सक्रिय मामलों की संख्या भी घटकर 40559 रह गई है। रिकवरी रेट बढ़कर 98.71 फीसदी हो गया है। राहत की बात है कि देश में कोरोना संक्रमण पर पूरी तरह काबू पाने के लिए केंद्र सरकार ने अब 12 से 14 साल आयुवर्ग के बच्चों को भी कोरोना रोधी टीका लगाने का फैसला किया है।

60 वर्ष से अधिक की आयु के सभी व्यक्तियों को प्रीकॉशन कोविड टीका दिया जा सकेगा। देश में टीकाकरण अभियान पिछले वर्ष 16 जनवरी को शुरू हुआ था। अब यह फिर से चीन में लौट आया है तो है तो यह तो कहा ही जा रहा है कि कोरोना कभी समाप्त नहीं होना है, यह महामारी की तरह हमारे आसपास रहेगा ही।

चीन के बाद यह भारत में आएगा या नहीं आएगा यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन इसके आने की संभावना का अनुमान लगाने से बेहतर है कि कोरोना के प्रति जो व्यवहार बताया गया था, उसे जारी रखा जाए। साथ ही केंद्र सरकार को चीन के हालात को देखकर वहां से आवागमन नियंत्रित करने पर विचार करना चाहिए। पूर्व में आई संक्रमण की तीनों लहरों से सबक लेकर कोई लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए।

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