लखनऊ: रासायनिक रंगों से खेली होली तो खराब कर लेंगे सेहत, किडनी को पहुंच सकता है नुकसान

लखनऊ। रासायनिक रंगों से होली खेलने पर आपका स्वास्थ्य खराब हो सकता है,यह रंग शरीर पर इतना बुरा प्रभाव डाल सकते है कि दिमाग,किडनी तथा आंखें कमजोर हो सकती हैं, यहां तक कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है, त्वचा रोग हो सकता है। दमा तथा अन्य प्रकार के एलर्जी शारीरिक समस्या बढ़ा सकती …
लखनऊ। रासायनिक रंगों से होली खेलने पर आपका स्वास्थ्य खराब हो सकता है,यह रंग शरीर पर इतना बुरा प्रभाव डाल सकते है कि दिमाग,किडनी तथा आंखें कमजोर हो सकती हैं, यहां तक कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है, त्वचा रोग हो सकता है। दमा तथा अन्य प्रकार के एलर्जी शारीरिक समस्या बढ़ा सकती हैं। इसके उलट प्राकृतिक रंगों का होली के पर्व पर इस्तेमाल करने से शारीरिक व्याधियां सामने नहीं आती।
डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉ.एस.के.पाण्डेय बताते हैँ कि जो रंग बाजारों में बिकते हैं,उनकों खरीदते समय इस बात का जरूर ध्यान रखें कि वह रासायनिक रंग न हों,उन्होंने बताया कि इस तरह के रंगों को बनाने में लेड का प्रयोग होता है,यदि गलती से भी लेड शरीर के अंदर पहुंच गया तो यह किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। इसका सबसे ज्यादा असर आंखों की कार्निया पर पड़ता है,आंखे लाल हो सकती है,उनमें सूजन आ सकती है।
त्वचा को पहुंचाता है नुकसान,शीतपित्त वाले रहे सावधान
डॉ.एस.के.पाण्डेय बताते हैँ कि होली पर्व के समय मौसम में भी परिवर्तन होता है,इसी समय से ग्रीष्म ऋतु यानी की गर्मी की शुरूआत हो रही होती है,इस दौरान बहुत से लोगों में ठंड व गर्म की वजह से शरीर में चकत्ते पड़ने लगते हैं,इसे शीत पित्त कहा जाता है,जिन्हें शीतपित्त की समस्या हो उन्हें रासायनिक रंगों से परहेज करना चाहिए,नहीं तो दिक्कत हो सकती है। शरीर में लाल-लाल चकत्ते पड़ने के साथ खुजली की समस्या होने लगती है। इसके अलावा फंगल इंफेक्शन का डर रहता है।
प्राकृतिक रूप से खेले होली
डॉ.एस.के.पाण्डेय के मुताबिक होली प्राकृतिक तरीके से ही खेलें,गुलाल का प्रयोग करें,रंगों से परहेज करें। उन्होंने बताया कि कई तरह के हरबल गुलाल,बजारों में मौजूद हैं। उनका प्रयोग किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि हमारे यहां सीडीआरआई व सीमैप आदि सरकारी संस्थाएं फूलों से गुलाल तैयार करते हैं।
फूलों से तैयार गुलाल फायदेमंद
डॉ. एस.के.पाण्डेय बताते हैँ कि फूलों से तैयार गुलाल के कई फायदे हैं,गेंदे से बने गुलाल से फंगल संक्रमण नहीं होता है। गुड़हल के फूलों से बने गुलाल का प्रयोग करेंगे। तो खुजली आदि समस्याएं नहीं होंगी,इसके अलावा टेसू तथा सेमल के फूलों से बने गुलाल से शरीर में चकत्ते नहीं पड़ते।
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