बरेली: ब्राह्मण-बटुकों ने धारण किए यज्ञोपवीत दंड

बरेली: ब्राह्मण-बटुकों ने धारण किए यज्ञोपवीत दंड

बरेली, अमृत विचार। वसंत पंचमी पर श्री त्रिवटीनाथ सांगवेद संस्कृत महाविद्यालय में 35 ब्रह्मचारी बटुकों का सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार संपन्न हुआ। दो दिवसीय आयोजन में शनिवार को परंपरानुसार गणेशाम्बिका पूजन, कलश, नवग्रह, सर्वतोभद्रममंडल्स्थ देव पूजन, होम, समावर्तन संस्कार पूजन किया गया। बटुकों को गुरुजनों ने संस्कार के अंतर्गत दंड धारण कराया। नैनीताल रोड स्थित महाविद्यालय …

बरेली, अमृत विचार। वसंत पंचमी पर श्री त्रिवटीनाथ सांगवेद संस्कृत महाविद्यालय में 35 ब्रह्मचारी बटुकों का सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार संपन्न हुआ। दो दिवसीय आयोजन में शनिवार को परंपरानुसार गणेशाम्बिका पूजन, कलश, नवग्रह, सर्वतोभद्रममंडल्स्थ देव पूजन, होम, समावर्तन संस्कार पूजन किया गया। बटुकों को गुरुजनों ने संस्कार के अंतर्गत दंड धारण कराया।

नैनीताल रोड स्थित महाविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दूसरे दिन सुबह से ही विधिवत पूजापाठ की गई। प्रधानाचार्य बंशीधर पांडेय ने बटुकों को दीक्षा मंत्र, गुरु मंत्र ग्रहण कराया। इसके बाद बटुकों ने पीला वस्त्र धारण कर स्वजनों के बीच भीक्षाटन किया। इस दौरान वातावरण पूर्णतया भावुक हो गया। कार्यक्रम के पहले दिन विधिवत संस्कार के अंतर्गत यज्ञोपवीत यज्ञ हुआ।

इस अवसर पर प्रबंध समिति के अध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल, मंत्री प्रेमशंकर अग्रवाल, शशिकांत मोदी, महेश चंद्र शर्मा, सुधीर गोयल, डा. सुरेश चंद्र शर्मा, शिव बालक शर्मा, सुरेंद्र, अरुण और अभिभावक आदि उपस्थित रहे।

ब्रह्मचारी होगा वेदाध्ययन का अधिकारी
प्रधानाचार्य ने बताया कि यज्ञोपवीत संस्कार के बाद ही ब्रह्मचारी वेदाध्ययन का अधिकारी माना जाता है। संस्कार से ही संस्कार युक्त जीवन की शुरुआत होती है। वसंत पंचमी का पर्व मेघा वृद्धि के यज्ञ आरंभ का प्रतीक है।

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