मुरादाबाद : 2017 में 66.6 फीसदी मतदान, इस बार भी ‘नाक’ के लिए अभियान

विनोद श्रीवास्तव/अमृत विचार। सियासत का रुख तय करने में मतदाताओं की जागरूकता अहम भूमिका निभाती है। मुरादाबाद के मतदाताओं को भी इसका परिचय विस चुनाव में भी देना होगा। 2017 के विस चुनाव में जिले के मतदाताओं ने 66.6 फीसदी वोट डालकर प्रदेश के मतदान औसत को बेहतर बनाने में भूमिका निभाई थी। मतदाता जागरूकता …
विनोद श्रीवास्तव/अमृत विचार। सियासत का रुख तय करने में मतदाताओं की जागरूकता अहम भूमिका निभाती है। मुरादाबाद के मतदाताओं को भी इसका परिचय विस चुनाव में भी देना होगा। 2017 के विस चुनाव में जिले के मतदाताओं ने 66.6 फीसदी वोट डालकर प्रदेश के मतदान औसत को बेहतर बनाने में भूमिका निभाई थी। मतदाता जागरूकता के लिए चल रहे कार्यक्रम जिले की नाक को ऊंचा रखने में कामयाब हों, इसके लिए पूरा जोर लग रहा है।
मजबूत लोकतंत्र-सबकी भागीदारी भारत निर्वाचन आयोग के इस टैगलाइन को साकार करने के लिए स्वीप (सुव्यवस्थित मतदाता शिक्षा एवं निर्वाचक सहभागिता) कार्यक्रम से मतदाताओं को जागरूक कर विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बूथ पर पहुंचकर मतदान करने को प्रेरित किया जाता है। मतदाता जागरूकता की देन है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में सबसे अच्छा मतदान प्रतिशत रहा। 2017 में 403 सीटों पर हुए चुनाव में 61.04 फीसदी मतदाताओं ने अपने अधिकार का प्रयोग कर वोट डाला था। इसमें मुरादाबाद जिले के जागरूक मतदाताओं का योगदान 66.6 फीसदी रहा था। 2012 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश में 53.80 और 2007 में 45.96 फीसदी वोट पड़े थे।
मुरादाबाद जिले में भी मतदान प्रतिशत को बेहतर बनाने के लिए जिला प्रशासन पूरा दम लग रहा है। स्वीप के माध्यम से कॉलेजों में युवाओं को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम किए जा रहे हैं। जागरूकता कार्यक्रम कितना असरदार साबित होता है यह तो 10 मार्च को ईवीएम का लाक खुलने पर ही पता चलेगा लेकिन मतदाताओं ने ठाना है लोकतंत्र को मजबूत बनाना है का नारा जरुर अपना रंग दिखाकर लोकतंत्र को सही रास्ते पर ले जाने में कामयाब रहेगा, इसका भरोसा सभी को है।
नेता जी की गाड़ी में बैठेंगे कुल पांच लोग
मुरादाबाद। कोरोना की आंधी में नेताजी को भी एहतियात बरतनी होगी। इसके लिए चुनाव आयोग ने निर्देश जारी कर दिए हैं। नियम के अनुसार, प्रत्याशी की गाड़ी में कुल पांच लोगों के बैठने की अनुमति होगी। जिसमें प्रत्याशी के अलावा चालक, गनर शामिल होंगे। आचार संहिता का उल्लंघन मिलने पर कार्रवाई होगी। 31 जनवरी तक चुनावी रैली, वाहन जुलूस और मतदान के निमित्त बड़े अनुष्ठान रोक दिया गए हैं। ऐसा कोरोना के मद्देनजर किया गया है, जबकि मतदाता सूची में जिसका नाम होगा वही मताधिकार का प्रयोग कर सकेगा। इस मुद्दे पर किसी तरह की गुहार निर्वाचन अधिकारी नहीं सुनेंगे। इस बार मतदाता पर्ची पर फोटो नहीं रहेगा। उधर, फ्री-फेयर और सेफ मतदान के लिए निर्वाचन आयोग ने गाड़ियों को जीपीएस से लैस किया है। यानी ईवीएम लेकर जाने वाली गाड़ी जीपीएस के रडार पर रहेगी। कंट्रोल रूम से उसकी निगरानी की जाएगी। जिला सहायक निर्वाचन अधिकारी सुरेंद्र सिंह का कहना है कि अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन हो चुका है। इस बार कुल 12 तरह कर पहचान पत्र मान्य होंगे। मतदाता कार्ड के बाद किसी पहचान की जरुरत नहीं होगी। कोई उम्मीदवार अधिकतम दो चार पहिया वाहनों का इस्तेमाल कर सकेगा। इस बार घर-घर मतदाता पर्ची बांटने का काम बंद कर दिया गया है।