बरेली: दो दशक बाद बार एसोसिएशन में इस बार होगा बड़ा बदलाव

हर्ष अग्रवाल, बरेली, अमृत विचार। इस बार बरेली बार एसोसिएशन में बड़ा फेरबदल होने जा रहा है। जहां दो दशक तक बरेली बार का नेतृत्व करने वाले निवर्तमान अध्यक्ष घनश्याम शर्मा मैदान में उतरे ही नहीं है, वहीं दूसरी ओर सचिव पद पर दो दशक तक काबिज रहे अमर भारती एडवोकेट का बीते वर्ष देहांत …
हर्ष अग्रवाल, बरेली, अमृत विचार। इस बार बरेली बार एसोसिएशन में बड़ा फेरबदल होने जा रहा है। जहां दो दशक तक बरेली बार का नेतृत्व करने वाले निवर्तमान अध्यक्ष घनश्याम शर्मा मैदान में उतरे ही नहीं है, वहीं दूसरी ओर सचिव पद पर दो दशक तक काबिज रहे अमर भारती एडवोकेट का बीते वर्ष देहांत हो जाने की वजह से उनकी कमी भी अखर रही है। घनश्याम शर्मा और अमर भारती की जोड़ी के सामंजस्य के आगे कोई टिक ही नहीं पाता था। इस बार अध्यक्ष पद पर दो प्रत्याशियों में टक्कर दिख रही है। सोमवार को बरेली बार एसोसिएशन के चुनाव के लिए मतदान सुबह 9:30 बजे से शुरू होगा। मतगणना मंगलवार को सुबह 9:30 बजे से होगी।
कोविड काल में इस वर्ष बार एसोसिएशन ने तकरीबन 40 से अधिक अधिवक्ताओं को खोया है। इस वजह से चुनाव में उन साथियों की कमी को भी अधिवक्तागण महसूस कर रहे हैं जहां बीते वर्ष तकरीबन ढाई हजार से अधिक अधिवक्ता वोटर थे तो इस बार केवल 2056 अधिवक्ता ही मतदाता है। वर्ष 1961 में ओंकार नाथ अग्रवाल बरेली बार के प्रथम अध्यक्ष तो नौरंग लाल पहले सचिव बने थे तभी से बार चुनाव आयोजित होते रहे हैं।
अगर बात करें बीते दो दशकों की तो वर्ष 2000 में अध्यक्ष पद पर घनश्याम शर्मा की ताजपोशी हुई तो वह 2005 तक हर बार चुनाव जीते। 2006 में चुनाव नहीं लड़े। 2006 से 2008 तक राजन सक्सेना बार अध्यक्ष रहे। इसके बाद वर्ष 2012 में राधा कमल सारस्वत तो 2013 में अनिल द्विवेदी, 2014-2015 में विनोद कुमार श्रीवास्तव अध्यक्ष रहे। वर्ष 2016 से अब तक घनश्याम शर्मा अध्यक्ष रहे हैं। वर्ष 2006 से 2020 तक अमर भारती सचिव बने रहे।
बस एक बार वर्ष 2013 में आशीष अग्रवाल सचिव बने थे। उनके देहांत उपरांत हुए उपचुनाव में इस वर्ष सचिव पद पर वीपी ध्यानी एडवाकेट अधिवक्ताओं के भारी समर्थन से सचिव चुने गये। अगर बात करें बीते चुनाव की तो वर्ष 2019 में 16 दिसम्बर को हुए मतदान में तकरीबन 2100 वोटरों ने मतदान किया था। अध्यक्ष पद पर केवल चार प्रत्याशी जिनमें घनश्याम शर्मा, अरविन्द कुमार, अनिल कुमार माथुर, नीरज शर्मा थे तो सचिव पद पर केवल तीन ही प्रत्याशी जिनमें अमर भारती, नीलकंठ पाठक, वीरेन्द्र प्रसाद ध्यानी ही मैदान में थे। जिनमें अमर भारती सचिव पद पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी वीपी ध्यानी से 71 वोटों से विजयी हुए थे।
17 दिसम्बर 2019 को विजेताओं की घोषणा चुनाव पैनल ने की थी जिसमें अध्यक्ष पद पर घनश्याम शर्मा ने निकट प्रतिद्वंद्वी अरविन्द कुमार को तकरीबन 110 वोटों से शिकस्त दी थी, वहीं इस दफा तस्वीर अलग है। अध्यक्ष पद प्रत्याशी अरविन्द को घनश्याम शर्मा समर्थन दे चुके हैं। अध्यक्ष पद पर इस दफा पांच तो सचिव पद पर 7 प्रत्याशी चुनावी मैदान में है, बार चाणक्यों की मानें तो इस बार होने वाला चुनाव रोमांचक होगा, जिसमें जीत हार काफी नजदीक से होगी। सचिव पद त्रिकोणीय तो अध्यक्ष पद पर दो प्रत्याशियों के बीच ही मुकाबला बताया जा रहा है।