लखीमपुर-खीरी: गेहूं खरीद घोटाले में अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी सहित कई धाराओं में रिपोर्ट दर्ज

लखीमपुर-खीरी, अमृत विचार। धान-गेहूं खरीद के नाम जिला सहकारी बैंक शाखा तिकुनियां में ग्रामीणों के फर्जी खाता खोलकर करोड़ों रुपये के घोटाले के मामले में थाना निघासन पुलिस ने एसपी के आदेश पर तीन पीड़ित खाताधारक महिलाओं की संयुक्त तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी सहित कई गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली है। …
लखीमपुर-खीरी, अमृत विचार। धान-गेहूं खरीद के नाम जिला सहकारी बैंक शाखा तिकुनियां में ग्रामीणों के फर्जी खाता खोलकर करोड़ों रुपये के घोटाले के मामले में थाना निघासन पुलिस ने एसपी के आदेश पर तीन पीड़ित खाताधारक महिलाओं की संयुक्त तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी सहित कई गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली है। थाना निघासन के गांव गौरिया निवासी आमिना पत्नी ईशम, वकीला पत्नी वसीम और साबिरा पत्नी यूनुस 17 नवंबर 21 को एसपी के सामने पेश हुईं थीं।
तीनों महिलाओं ने एसपी संजीव सुमन को तहरीर देकर बताया था कि उनके कूटरचित फर्जी हस्ताक्षर बनाकर तिकुनियां जिला सहकारी बैंक शाखा में अवैध तरीके से खाते खुलवा लिए। उनके ही नाम से लाखों रुपये का धान-गेहूं सरकारी क्रय केंद्रों पर बिक्री कर रुपये खातों में मंगवा लिया। इन रुपयों को दो-तीन दिन के अंदर ही जालसाज ने निकाल लिए। चार नवंबर 21 को गांव में जब सरकारी दुकान पर राशन लेने गईं तो कोटेदार ने बताया कि बैंक खातों में लाखों रुपये का लेनदेन होने के कारण राशनकार्ड निरस्त हो चुका है। यह सुनकर उनके होश उड़ गए और जिला आपूर्ति कार्यालय आकर राशन कार्ड की जांच कराई तो पता चला कि उनका खाता जिला सहकारी बैंक शाखा तिकुनियां में खुला है।
महिलाओं ने एसपी को बताया था कि उन्हें खाता और लेनदेन की कोई जानकारी नहीं है। उन्हें यहां तक नहीं मालूम है कि तिकुनियां कहां पर स्थित है। एसपी ने मामले को गंभीरता से लिया था और सीओ निघासन सुबोध जायसवाल को जांच कर आख्या मांगी थी। सीओ की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद एसपी ने रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश थाना निघासन पुलिस को दिए थे।
एसपी के आदेश पर पुलिस ने तीनों महिलाओं की संयुक्त तहरीर पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धारा 419, 420, 467, 468 और 471 के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली है। एसपी ने बताया कि प्रकरण की विवेचना इंस्पेक्टर संजय सिंह को सौंपी गई है।
कार्ड निरस्त होने से नहीं मिल रहा राशन
ग्रामीणों के फर्जी खाता खोलकर उसमें लाखों रुपये मंगाने वाले खाद्यान्न माफियाओं ने गरीबों के मुंह का निवाला भी छीन लिया है। राशन कार्ड निरस्त हो जाने के कारण अब उन्हें सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान से राशन भी नहीं मिल पा रहा है। इससे पीड़ितों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इनमें कई ग्रामीण तो ऐसे हैं, जिनके घरों का चूल्हा कोटे के ही राशन से जल रहा था। अब वह राशन पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं। उनकी कोई सुधि लेने वाला नहीं हैं।
यह है पूरा मामला
माफियाओं ने फर्जी कागजों के सहारे करीब 250 ग्रामीणों के खाते जिला सहकारी बैंक शाखा तिकुनियां में खुवलाए थे। इन खातों में विभिन्न धान-गेहूं खरीद एजेंसियों के क्रयकेंद्रों पर हजारों क्विवंटल धान-गेहू की खरीद दिखाकर लाखों रुपये इन्हीं कूटरचित ढंग से खुलवाए गए खातों में डलवाए। बाद में इन रुपयों को एक-दूसरे खातों में ट्रांसफर कर निकाल लिया गया। यह खुलासा तब हुआ जब जिला पूर्ति अधिकारी ने इन खातेदारों के राशन कार्ड यह कहते हुए निरस्त कर दिए कि खातों में लाखों रुपये आने के कारण वह गरीबी रेखा में नहीं आते हैं।
अधिकारियों से लेकर माफियाओं के उड़े होश
तिकुनियां की जिला सहकारी बैंक शाखा से करोड़ों रुपये धान-गेहूं खरीद में फर्जी खाता खोलकर निकाले जाने की खबर प्रमुखता से छापी थी। लगातार खबर छपने के बाद कार्रवाई होने से पीड़ितों ने जहां राहत महसूस की है। वहीं मामले में पर्दा डालने की कोशिश में जुटे अफसरों और माफियाओं के होश उड़ गए हैं। अब उन्हें कार्रवाई और जेल जाने का डर भी सताने लगा है। माफिया पूरे मामले को सुलझाने की कोशिश में जुटे हैं।