कथावाचक पं. राधेश्याम ने पूरे देश में बरेली को पहचान दिलाई

बरेली, अमृत विचार। अखिल भारतीय साहित्य परिषद ब्रज प्रांत द्वारा राजेन्द्र नगर स्थित संस्था कार्यालय पर पंडित राधेश्याम कथावाचक की जयंती मनायी गई। बैठक में प्रांतीय अध्यक्ष सुरेश बाबू मिश्रा ने कहा पंडित राधेश्याम कथावाचक ने पूरे देश में बरेली को एक नई पहचान दिलाई । अपनी साहित्यिक यात्रा के दौरान 75 पुस्तकें लिखी। उनकी …
बरेली, अमृत विचार। अखिल भारतीय साहित्य परिषद ब्रज प्रांत द्वारा राजेन्द्र नगर स्थित संस्था कार्यालय पर पंडित राधेश्याम कथावाचक की जयंती मनायी गई। बैठक में प्रांतीय अध्यक्ष सुरेश बाबू मिश्रा ने कहा पंडित राधेश्याम कथावाचक ने पूरे देश में बरेली को एक नई पहचान दिलाई । अपनी साहित्यिक यात्रा के दौरान 75 पुस्तकें लिखी। उनकी लिखी राधेश्याम रामायण से उन्हें पूरे देश में ख्याति मिली। राधेश्याम रामायण के माध्यम से उन्होंने राम कथा को जन जन तक पहुंचाने का कार्य किया। इसलिए उन्हें आधुनिक युग का तुलसी भी कहा जाता है।
प्रांतीय संयुक्त मंत्री रोहित राकेश ने कहा बरेली विश्विद्यालय में राधेश्याम कथावाचक के नाम से शोध पीठ तो स्थापित हो गया है मगर बहुत अधिक सक्रियता नहीं है । उन्होंने राधेश्याम कथावाचक के नाम से नाथ नगरी बरेली से एक ट्रेन प्रारम्भ करने की मांग रखी। प्रांतीय संरक्षक पूर्व प्राचार्य बरेली कॉलेज बरेली डॉ एन एल शर्मा ने कहा-राधेश्याम का जन्म 25 नवम्बर 1890 को बरेली शहर के बिहारीपुर मोहल्ले में पण्डित बांकेलाल के यहां हुआ था। केवल 17-18 की आयु में ही उन्होंने सहज भाव से राधेश्याम रामायण की रचना कर ली थी।
बरेली कॉलेज बरेली के चीफ प्रॉक्टर व परिषद के जिला अध्यक्ष डॉ एस पी मौर्य ने बताया राधेश्याम कथावाचक ने महारानी लक्ष्मीबाई और कृष्ण-सुदामा जैसी फिल्मों के लिये गीत भी लिखे। स्वतन्त्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद ने भी उन्हें नई दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में आमन्त्रित कर उनसे पंद्रह दिनों तक रामकथा का आनन्द लिया था।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए धन जुटाने महामना जब बरेली पधारे तो राधेश्याम ने उनको अपनी साल भर की कमाई उन्हें दान दे दी थी। बैठक में डॉ दीपांकर गुप्ता, गुरविंदर सिंह ,प्रमोद अग्रवाल, डॉ रवि शर्मा, प्रवीण शर्मा ,डॉ एस पी पांडे, डॉ गोविंद दीक्षित आदि उपस्थित रहे।