शाहजहांपुर: 19 साल बाद मिला इंसाफ, तीन बच्चियों की हत्या के दोषियों को फांसी की सजा

शाहजहांपुर, अमृत विचार। वर्ष 2002 में जिले के थाना निगोही क्षेत्र के गांव में तीन बालिकाओं की गोली मारकर हत्या करने वाले दो अभियुक्ताें को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। इस मामले में बालिकाओं के निर्दोष पिता को ही हत्यारोपी बनाकर गिरफ्तार करने वाले विवेचक के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी …
शाहजहांपुर, अमृत विचार। वर्ष 2002 में जिले के थाना निगोही क्षेत्र के गांव में तीन बालिकाओं की गोली मारकर हत्या करने वाले दो अभियुक्ताें को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। इस मामले में बालिकाओं के निर्दोष पिता को ही हत्यारोपी बनाकर गिरफ्तार करने वाले विवेचक के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। अपर सत्र न्यायाधीश-43 सिद्घार्थ कुमार वागव ने मौत की सजा सुनाई है।
बता दें कि 15 अक्तूबर 2002 की रात निगोही थाना क्षेत्र के जेवा मुकुंदपुर गांव में जानलेवा हमले के एक मामले में गवाही देने से खफा छुटकन्नू उर्फ नत्थूलाल, बेटे नरवेश कुमार और भाई राजेंद्र ने गांव के रहने वाले अवधेश कुमार पर गोलियां चलाई थीं। अवधेश बच गया मगर बगल में सो रहीं उसकी बेटियां रोहिणी (नौ), नीता (आठ) और सुरभी (सात) की मौत हो गई थी।
अदालत ने हत्याभियुक्त राजेंद्र और नरवेश को मौत की सजा सुनाई है। छुटकन्नू की मुकदमा चलने के दौरान मौत हो गई थी। दोनों हत्याभियुक्त इस वक्त जेल में हैं। अदालत ने तत्कालीन पुलिस जांच अधिकारी होशियार सिंह पर पिता के खिलाफ ही झूठा साक्ष्य गढ़ने के लिए मुकदमा चलाने का आदेश दिया है।
होशियार सिंह के खिलाफ गैर जमानतीय वारंट जारी करने का आदेश दिया है। 19 साल बाद आए फैसले पर बेटियों के पिता अवधेश ने संतोष जताया है। अवधेश ने बताया कि हत्याकांड के बाद पुलिस ने उसे गरीबी के कारण अपनी तीन बेटियों की हत्या करने का आरोपी बनाते हुए जेल भेज दिया था। डेढ़ महीने बाद उसे जमानत मिली थी। अब असली अपराधियों को सजा हुई है। बहुत साल बाद अब चैन की नींद सो सकेंगे।
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