बरेली: अब बीएससी कृषि के 1862 छात्र हुए पास

बरेली, अमृत विचार। एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने बीएससी कृषि ऑनर्स में फेल छात्रों के विरोध-प्रदर्शन के बाद नियम में बदलाव किया है। अब आतंरिक और बाह्य लिखित परीक्षा के अंकों को शामिल कर रिजल्ट घोषित किया गया है। इस बदलाव से 1862 छात्र अगले सेमेस्टर में पहुंच गए हैं और आगे की पढ़ाई करेंगे। इसमें …
बरेली, अमृत विचार। एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने बीएससी कृषि ऑनर्स में फेल छात्रों के विरोध-प्रदर्शन के बाद नियम में बदलाव किया है। अब आतंरिक और बाह्य लिखित परीक्षा के अंकों को शामिल कर रिजल्ट घोषित किया गया है। इस बदलाव से 1862 छात्र अगले सेमेस्टर में पहुंच गए हैं और आगे की पढ़ाई करेंगे। इसमें 1051 छात्र सीधे पास हो गए हैं और 811 छात्रों की दो पेपर में बैक आयी है।
हालांकि 387 छात्र फेल हो गए हैं। इनमें करीब 60 छात्र परीक्षा में अनुपस्थित रहे थे। शनिवार को दिन भर चली बैठकों के बाद बोर्ड ऑफ स्टडी की बैठक हुई। उसके बाद कुलपति प्रो. केपी सिंह के अनुमोदन के बाद संशोधित रिजल्ट जारी कर दिया गया। रिजल्ट में संशोधन की जानकारी आईसीएआर (इंडियन कांउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च) को भी दी जाएगी, क्योंकि आईसीएआर के नियमों के तहत ही विश्वविद्यालय को परीक्षाएं व रिजल्ट जारी करना है।
बता दें कि एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय में सत्र 2020-21 में पहली बार बीएससी कृषि ऑनर्स की नए नियम के तहत पढ़ाई करायी गई थी। इसमें मिड टर्म, प्रयोगात्मक और लिखित परीक्षा में अलग-अलग 50 फीसदी पास होना अनिवार्य था। इसमें 2249 छात्र पंजीकृत हुए थे। कोरोना महामारी की वजह से महाविद्यालयों में पढ़ाई नहीं हुई। इसके अलावा छात्र प्रमोट होने के आसार लगाए बैठे थे।
महाविद्यालयों के द्वारा छात्रों को भी नए नियम की जानकारी नहीं दी गई। विश्वविद्यालय ने जब मंगलवार को छात्रों का रिजल्ट निकाला तो करीब 2200 छात्रों का रिजल्ट प्रभावित हो गया। जब छात्रों ने रिजल्ट देखा तो सबसे पहले उन्होंने महाविद्यालयों में संपर्क किया। गुरुवार को बहेड़ी के महाविद्यालय के बाहर और विश्वविद्यालय में छात्रों ने प्रदर्शन किया। छात्रों को नियम बताकर वापस कर दिया गया। इस पर शुक्रवार को कई महाविद्यालयों के छात्र शिक्षकों की मौजूदगी में विश्वविद्यालय पहुंच गए और दिनभर हंगामा व प्रदर्शन किया।
इस पर कुलपति और कुलसचिव ने शिक्षकों व छात्रों को नियम के तहत उनके हित में निर्णय का आश्वासन दिया। शनिवार को कुलसचिव ने सभी कृषि महाविद्यालयों व प्राचार्यों के शिक्षकों के साथ बैठक की। इसके अलावा संकायाध्यक्ष की मौजूदगी में विशेष समिति की बैठक हुई। दोनों बैठकों के बाद बोर्ड ऑफ स्टडी की बैठक हुई। उसके बाद कुलपति के अनुमोदन के बाद संशोधित रिजल्ट जारी कर दिया गया।
अब यह किया गया बदलाव
कुलसचिव डा. राजीव कुमार ने बताया कि पहले इंटरनल यानी मिड टर्म और बाह्य लिखित परीक्षा दोनों में अलग-अलग 50 फीसदी अंक पास होने के लिए जरूरी थे। अब इसमें बदलाव किया गया। अब आंतरिक व बाह्ल लिखित परीक्षा के अंक मिला दिए गए। इन दोनों में 70 अंक में 35 अंक पाने वाले छात्र पास हो गए। इसके अलावा प्रयोगात्मक में 50 फीसदी पास होना जरूरी रखा गया। नियम के तहत दो पेपर में बैकस आने पर भी छात्र अगले सेमेस्टर की पढ़ाई कर सकता है। इस तरह से 1862 छात्रों का रिजल्ट बदल गया।
महाविद्यालयों में टीमें करेंगी जांचें
कुलसचिव ने बताया कि अभी छात्र हित में नियम बदले गए हैं लेकिन आगे से छात्रों की पढ़ाई में दिक्कत न हो, इसके लिए विश्वविद्यालय स्तर पर टीमें बनायी जाएंगी। यह टीमें कृषि महाविद्यालयों में निरीक्षण करेंगी और वहां के शिक्षकों, लैब व अन्य व्यवस्थाएं चेक करेंगी। कमियां मिलने पर महाविद्यालयों पर कार्रवाई की जाएगी।