रायबरेली: रामलीला में कलाकारों का जीवंत अभिनय देख दर्शक हुए मंत्रमुग्ध

रायबरेली: रामलीला में कलाकारों का जीवंत अभिनय देख दर्शक हुए मंत्रमुग्ध

रायबरेली। जिले के खीरों कस्बा के रामलीला मैदान में चल रहे रामलीला मंचन के पांचवे दिन यानी कल बुधवार की रात राजा दशरथ मरण, केवट संवाद व भरत विलाप का मंचन किया गया। इसे देख श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। आदर्श रामलीला कमेटी खीरों के स्थानीय कलाकारों द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को देखने के लिए आसपास …

रायबरेली। जिले के खीरों कस्बा के रामलीला मैदान में चल रहे रामलीला मंचन के पांचवे दिन यानी कल बुधवार की रात राजा दशरथ मरण, केवट संवाद व भरत विलाप का मंचन किया गया। इसे देख श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। आदर्श रामलीला कमेटी खीरों के स्थानीय कलाकारों द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को देखने के लिए आसपास के गांव की लगभग एक हजार पुरुष व महिलाओं की भीड़ एकत्रित हुई।

रामलीला मंचन में राम के चौदह वर्ष के बनवास में चले जाने के बाद दशरथ विलाप करते हुए कहते है “आ लौट के आजा मेरे राम तुझे मेरे प्राण बुलाते है, पड़ा सूना अयोध्या धाम तुझे मेरे प्राण बुलाते है” तथा अपने उन्हें श्रवण कुमार के माता पिता ज्ञानवाणी व शांतनु द्वारा दिया गया श्राप याद आने लगा। इस दौरान बिलखते हुए दशरथ की पंक्तियां “गुजरी घटना मुझे आज याद आ रही, दिल हमारा अब तो तड़पने लगा। प्राण जाने की रात आ रही, मेरा तन मन निबल हो अब तड़पने लगा” को सुनकर उपस्थित दर्शको की आंखों में आंसू भर आये।