जानें भारत के इतिहास की शुरुआत सिंधु घाटी से हुई थी या नहीं?

जानें भारत के इतिहास की शुरुआत सिंधु घाटी से हुई थी या नहीं?

भारत के इतिहास में दो बातें बहुत प्रचारित है। पहली यह की भारतीय इतिहास की शुरुआत सिंधु घाटी की सभ्यता से होती है। दूसरी यह की सिंधु घाटी के लोग द्रविड़ थे अर्थात वे आर्य नहीं थे। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि यह दोनों ही बातें झूठ है। भारतीय इतिहास की शुरुआत को सिंधु …

भारत के इतिहास में दो बातें बहुत प्रचारित है। पहली यह की भारतीय इतिहास की शुरुआत सिंधु घाटी की सभ्यता से होती है। दूसरी यह की सिंधु घाटी के लोग द्रविड़ थे अर्थात वे आर्य नहीं थे। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि यह दोनों ही बातें झूठ है। भारतीय इतिहास की शुरुआत को सिंधु घाटी की सभ्यता या फिर बौद्धकाल से जोड़कर नहीं देखा जा सकता।
कुछ इतिहासकार इसे सिकंदर के भारत आगमन से जोड़कर देखते हैं। बौद्ध काल या सिंधु घाटी सभ्यता के काल को प्राचीन भारत के इतिहास का काल मानना उचित नहीं। दरअसल, यह भारत के प्राचीन काल का अंतिम हिस्सा था। यदि हम मेहरगढ़ संस्कृति और सभ्यता की बात करें तो वह लगभग 7000 से 3300 ईसा पूर्व अस्तित्व में थी जबकि सिंधु घाटी सभ्यता 3300 से 1700 ईसा पूर्व अस्तित्व में थी।
प्राचीन भारत के इतिहास की शुरुआत 1200 ईसापूर्व से 240 ईसा पूर्व के बीच नहीं हुई थी। यदि हम धार्मिक इतिहास के लाखों वर्ष के प्राचीन इतिहास को न भी मानें तो संस्कृ‍त और कई प्राचीन भाषाओं के इतिहास के तथ्‍यों के अनुसार प्राचीन भारत के इतिहास की शुरुआत लगभग 13 हजार ईसापूर्व हुई थी अर्थात आज से 15 हजार वर्ष पूर्व।
उक्त 15 हजार वर्षों में भारत ने जहां एक और हिमयुग देखा है तो वहीं उसने जलप्रलय को भी झेला है। उस दौर में भारत में इतना उन्नत, विकसित और सभ्य समाज था जैसा कि आज देखने को मिलता है। इसके अलावा ऐसी कई प्राकृतिक आपदाओं का जिक्र और राजाओं की वंशावली का वर्णन है जिससे भारत के प्राचीन इतिहास की झलक मिलती है।
सिंधु-सरस्वती सभ्यता : वर्तमान शोध से पता चलता है कि सिंधु और सरस्वती नदी के बीच जो सभ्यता बसी थी वह दुनिया की सबसे प्राचीन और समृद्ध सभ्यता थी। यह वर्तमान में अफगानिस्तान से भारत तक फैली थी। प्राचीनकाल में जितनी विशाल नदी सिंधु थी उससे कई ज्यादा विशाल नदी सरस्वती थी।
शोधानुसार यह सभ्यता लगभग 9,000 ईसा पूर्व अस्तित्व में आई थी और 3,000 ईसापूर्व उसने स्वर्ण युग देखा और लगभग 1800 ईसा पूर्व आते-आते यह लुप्त हो गया। कहा जाता है कि 1,800 ईसा पूर्व के आसपास किसी भयानक प्राकृतिक आपदा के कारण एक और जहां सरस्वती नदी लुप्त हो गई वहीं दूसरी ओर इस क्षेत्र के लोगों ने पश्‍चिम की ओर पलायन कर दिया। पुरात्ववेत्ता मेसोपोटामिया (5000- 300 ईसापूर्व) को सबसे प्राचीन बताते हैं, लेकिन अभी सरस्वती सभ्यता पर शोध किए जाने की आवश्यकता है।