रामपुर: एसडीएम ने कोर्ट से बाहर निकाला तो भड़के वकील

रामपुर: एसडीएम ने कोर्ट से बाहर निकाला तो भड़के वकील

रामपुर, अमृत विचार। उप जिलाधिकारी सदर ने सोमवार को कुछ अधिवक्ताओं को अपने सुरक्षा कर्मी से कोर्ट से बाहर निकलवा दिया। जिस पर अधिवक्ता भड़क गए हैं। अधिवक्ताओं ने जमकर हंगामा किया और मुद्दे को बार एसोसिएशन के सामने उठाया। बार ने एसडीएम द्वारा अधिवक्ताओं के साथ किए गए दुर्व्यवहार की निंदा की है। साथ …

रामपुर, अमृत विचार। उप जिलाधिकारी सदर ने सोमवार को कुछ अधिवक्ताओं को अपने सुरक्षा कर्मी से कोर्ट से बाहर निकलवा दिया। जिस पर अधिवक्ता भड़क गए हैं। अधिवक्ताओं ने जमकर हंगामा किया और मुद्दे को बार एसोसिएशन के सामने उठाया। बार ने एसडीएम द्वारा अधिवक्ताओं के साथ किए गए दुर्व्यवहार की निंदा की है। साथ ही एसडीएम कोर्ट का अनिश्चितकाल तक कार्य बहिष्कार करने का प्रस्ताव पारित किया है। बार एसोसिएशन का एक प्रतिनिधि मंडल मंगलवार को डीएम से मिलेगा।

सोमवार दोपहर करीब 2 बजे एसडीएम सदर मनीष मीणा अपनी कोर्ट में बैठे हुए राजस्व मामलों की सुनवाई कर रहे थे। कोर्ट में वकील भी मौजूद थे एसडीएम सदर ने अपने सुरक्ष कर्मी से कोर्ट में मौजूद अधिवक्ताओं को बाहर निकलवा दिया। जिस पर अधिवक्ता भड़के गए और हंगामा किया। अधिवक्ताओं ने इस तरह दुर्व्यवहार किए जाने की शिकायत बार एसोसिएशन के अध्यक्ष से की।

उन्होंने भी एसडीएम से वार्ता की, लेकिन एसडीएम नहीं माने और अपनी बात पर अड़े रहे। जिस पर तीन बजे बार सभागार में वकीलों की बैठक हुई। जिसमें वक्ताओं ने कहा कि एसडीएम का व्यवहार वकीलों और वादकारियों के प्रति गलत है जिसकी निन्दा की जाए। वक्ताओं ने कहा कि एसडीएम सदर समय से नहीं बैठते हैं और 151 सीआरपीसी छोटे मामलों में भी वादाकरियों को कई-कई दिन जेल में रखते हैं, जोकि गलत है।

अन्त में निर्णय लिया गया कि एसडीएम सदर की कोर्ट का अनिश्चित कालीन बहिष्कार जारी रहेगा। बार एसोसिएशन का एक प्रतिनिधि मंडल एसडीएम की शिकायत मंगलवार को जिलाधिकारी से करेगा। सभा में जितेंद्र प्रधान, मोहम्मद जफर, राजेंद्र प्रसाद लोधी, सतनाम सिंह मट्टू, तुलसीराम आदि अधिवक्ता मौजूद रहे। बैठक की अध्यक्षता अध्यक्ष रामौतार सैनी और संचालन महासचिव रिसालत अली ने किया।

काफी समय से वकीलों में चल रहा था आक्रोश
एसडीएम सदर मनीष मीणा के प्रति वकीलों में काफी समय से आक्रोश पनप रहा था। जिसका धारा 151 में पेश होने वाले आरोपियों को जमानत देने के पुलिस से पूछकर जेल भेजना और वकीलों से कागज नहीं लेना और रात-रात 9 बजे कोर्ट में सुनवाई करना सहित कई कारण रहे।