Air Force Day: केंद्र सरकार ने वायुसेना में हथियार प्रणाली शाखा की स्थापना को मंजूरी दी: एअर चीफ मार्शल
चंडीगढ़। भारतीय वायुसेना (Air Force Day) की 90वीं वर्षगांठ के अवसर पर चंडीगढ़ स्थित वायुसेना स्टेशन में शनिवार सुबह औपचारिक परेड का आयोजन किया गया। वायुसेना प्रमुख एअर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने परेड का निरीक्षण किया, जिसके बाद एक मार्च-पास्ट किया गया। बता दें कि अगले साल एयरफोर्स में महिला अग्निशामक की भर्ती …
चंडीगढ़। भारतीय वायुसेना (Air Force Day) की 90वीं वर्षगांठ के अवसर पर चंडीगढ़ स्थित वायुसेना स्टेशन में शनिवार सुबह औपचारिक परेड का आयोजन किया गया। वायुसेना प्रमुख एअर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने परेड का निरीक्षण किया, जिसके बाद एक मार्च-पास्ट किया गया। बता दें कि अगले साल एयरफोर्स में महिला अग्निशामक की भर्ती की भी तैयारी है।
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कार्यक्रम में एअर चीफ मार्शल ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार ने भारतीय वायुसेना (Air Force Day) में अधिकारियों के लिए एक हथियार प्रणाली शाखा की स्थापना को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद वायुसेना में पहली बार एक नयी अभियानगत शाखा बनाई जा रही है। एअर चीफ मार्शल ने दावा किया कि इस शाखा के बनने से सरकार को उड़ान प्रशिक्षण के खर्च में कटौती कर 3,400 करोड़ रुपये से अधिक की बचत करने में मदद मिलेगी।
LIVE: President Droupadi Murmu graces the 90th anniversary celebrations of the Indian Air Force at Sukhna Lake, Chandigarh https://t.co/UlKOh5SOXw
— President of India (@rashtrapatibhvn) October 8, 2022
उन्होंने कहा, ‘ हमने अपनी अभियानगत प्रशिक्षण प्रक्रिया में बदलाव किया है ताकि हर अग्निवीर के पास वायुसेना में अपना करियर शुरू करने के लिए सही कौशल एवं ज्ञान हो।’ उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय वायुसेना दिसंबर में प्रारंभिक प्रशिक्षण के लिए 3,000 ‘अग्निवीर वायु’ की भर्ती करेगी तथा कर्मियों की पर्याप्त संख्या सुनिश्चित करने के लिए आने वाले सालों मे यह आंकड़ा बढ़ता जाएगा।
चौधरी ने कहा कि पिछले एक साल में वायुसेना के सामने उसके हिस्से की अपनी चुनौतियां रही हैं और वह उनसभी से बड़ी शिद्दत से निपटी है। वायुसेना प्रमुख ने कहा कि हमारी सीमाओं पर निरंतर तैनाती से लेकर आपदा राहत अभियानों एवं संघर्षरत क्षेत्रों में फंसे भारतीयों को निकालने तक वायुसेना ने विभिन्न भूमिकाएं निभायीं।
उन्होंने कहा कि जमीन, समुद्र और आसमान के पारंपरिक क्षेत्रों का विस्तार होकर उसमें अब अंतरिक्ष एवं साइबर स्पेस शामिल हो गये हैं और वह हाइब्रिड युद्ध (परंपरागत एवं गैर परंपरागत युद्ध) की निरंतरता बन गयी है। उन्होंने कहा कि इन तथ्यों पर गौर करते हुए भावी लड़ाइयां ‘गुजरे जमाने की मानसिकता’ से नहीं लड़ी जा सकती हैं।
चौधरी ने कहा, ‘पारंपरिक युद्ध के पक्ष में गैर पारंपरिक एवं गैर घातक उपायों के इस्तेमाल ने लड़ाइयों के तौर तरीकों को बदल दिया है। इसलिए आधुनिक लचीले एवं अनुकूलकारी प्रौद्योगिकी के जरिए पारंपगरत प्रणालियां एवं हथियारों को उन्नत बनाने की जरूरत होगी।
उन्होंने कहा कि इस साल की वर्षगांठ के विषय ‘वायुसेना: भविष्य के लिए बदलाव’ बहुत ही उपयुक्त है और यह समसामयिक एवं भविष्य के लिए तैयार बल के रूप में खुद को बदलने की वायुसेना की जरूरत को प्रमुखता से सामने रखता है। उन्होंने कहा कि लड़ाकू विमानों, अवाक्स , एईडब्लूएंड सी तथा उड़ान ईंधन पूर्ति विमान की नयी पीढ़ियों को बेड़े में शामिल कर आने वाले सालों में वायुसेना की आक्रामक संभावना को बनाये रखना है। वायुसेना प्रमुख ने कहा, ‘हमें एक गौरवपूर्ण विरासत मिली है, जो हमारे पूर्ववर्तियों की कड़ी मेहनत, लगन और दूरदर्शिता पर आधारित है।’
कार्यक्रम में पश्चिमी वायु कमान के एअर-ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ एअर मार्शल कुमार प्रभाकरन सहित कई अन्य वरिष्ठ वायुसेना अधिकारी मौजूद थे। वायुसेना प्रमुख जब आयोजन स्थल पर पहुंचे तो विंग कमांडर विशाल जैन के नेतृत्व में तीन एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टरों ने फ्लाई-पास्ट करते हुए भारतीय ध्वज प्रदर्शित किया। सुखना झील परिसर में वायुसेना दिवस के फ्लाई-पास्ट में लगभग 80 सैन्य विमान और हेलीकॉप्टर ने हिस्सा लिया।
यह पहली बार है, जब भारतीय वायुसेना दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) के बाहर अपनी वार्षिक वायुसेना दिवस परेड और फ्लाई-पास्ट का आयोजन कर रही है। भारतीय वायु सेना दिवस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर शामिल हुए।
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