इटावा: कठौतिया स्कूल में दलित रसोइया को लेकर मचा बवाल, बच्चों के परिजन कर रहे बदलने की मांग

इटावा: कठौतिया स्कूल में दलित रसोइया को लेकर मचा बवाल, बच्चों के परिजन कर रहे बदलने की मांग

इटावा। जिले के सरकारी स्कूल में दलित रसोईया के हाथ से खाना बनाने को लेकर बवाल चल रही है। स्कूल के प्रधानाचार्य के अनुसार ओबीसी वर्ग के बहुत से परिवार के लोग अपने बच्चे को स्कूल नहीं भेज रहे हैं। और तो और कई बच्चे स्कूल में खाना भी नहीं खा रहे हैं। इस मामले …

इटावा। जिले के सरकारी स्कूल में दलित रसोईया के हाथ से खाना बनाने को लेकर बवाल चल रही है। स्कूल के प्रधानाचार्य के अनुसार ओबीसी वर्ग के बहुत से परिवार के लोग अपने बच्चे को स्कूल नहीं भेज रहे हैं। और तो और कई बच्चे स्कूल में खाना भी नहीं खा रहे हैं। इस मामले में बीएसए ने कहा जांच चल रही हैं।

यह केस इटावा के ताखा ब्लॉक के कठौतिया उच्चतर माध्यमिक स्कूल का है। जहां दलित वर्ग की रसोइया रखने का गांव वालों ने विरोध किया है। जिसके चलते दो दिन पहले एक दर्जन गांव वालें इकट्ठा होकर स्कूल पहुंचे, दलित रसोइया के मिडडे मील बनाने को लेकर आपत्ति जताई। उन्होंने दलित वर्ग की रसोइया को हटाकर दुसरे वर्ग की रसोइया को रखने को लेकर दबाव बनाया।

जिसके बाद स्कूल के प्रधानाचार्य ने इस मामले को लेकर पुलिस,और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सूचना दी। स्कूल में सीओ भरथना, एसओ ऊसराहार ने पहुंचकर गांव वालों को समझाने का प्रयास किया लेकिन कुछ गांव वाले अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं। जो बच्चे आ भी रहे है, वो मिडडे मील खाने से बच रहे हैं।

प्रधानाचार्य राधा कृष्ण ने कहा

प्रधानाचार्य राधा कृष्ण ने कहा दलित रसोइया के रखे जाने को लेकर स्कूल में आकर कुछ लोगों ने हंगामा किया था। रसोइया को न हटाये जाने को लेकर जान से मारने की भी दी धमकी है। इस मामले की पुलिस को शिकायत की गई थी। जिस पर सीओ भरथना, एसओ ऊसराहार जानकारी लेने आये थे। और कई ग्रामीणों से भी बातचीत की थी। लेकिन कोई बात नही बन सकी। हम लोगों ने समिति के चयन प्रक्रिया से रसोइया का चयन की किया था। स्कूल में 5 रसोइया तैनात है। जिनमें से तीन शाक्य एक शर्मा और एक दलित रसोइया लगी हुई हैं।

महिला रसोइया ने बताया मेरे हाथों से बने खाने को कुछ बच्चे नही खा रहे है। कुछ बच्चे स्कूल भी नही आरहे है। दिसम्बर में मेरी नियुक्ति हुई थी। कोरोना के कारण स्कूलों बन्द चल रहे थे। हाल ही में स्कूल खोले गए हैं। और अब कुछ ग्रामीण मुझे हटाकर दूसरी रसोइया रखवाना चाह रहे हैं।

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