त्रिपुराः सत्तारूढ़ भाजपा-आईपीएफटी के छठे विधायक दिया इस्तीफा

त्रिपुराः सत्तारूढ़ भाजपा-आईपीएफटी के छठे विधायक दिया इस्तीफा

अगरतला। त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी- इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा(आईपीएफटी) सरकार को शुक्रवार को उस समय झटका लगा जब सत्तारूढ़ मोर्चे के छठे विधायक ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया तथा शाही वंशज प्रद्योत किशोर देववर्मन की पार्टी टीआईपीआरए मोथा में जल्द ही शामिल होने की घोषणा की। ये भी पढ़ें – केंद्र …

अगरतला। त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी- इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा(आईपीएफटी) सरकार को शुक्रवार को उस समय झटका लगा जब सत्तारूढ़ मोर्चे के छठे विधायक ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया तथा शाही वंशज प्रद्योत किशोर देववर्मन की पार्टी टीआईपीआरए मोथा में जल्द ही शामिल होने की घोषणा की।

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धलाई जिले के राइमा घाटी निर्वाचन क्षेत्र से आईपीएफटी विधायक धनंजय त्रिपुरा ने प्रद्योत और कुछ अन्य टीआईपीआरए नेताओं के साथ दोपहर में अध्यक्ष रतन चक्रवर्ती से मुलाकात की और बिना कोई विवरण दिए व्यक्तिगत आधार का हवाला देते हुए विधानसभा की सदस्यता से अपना इस्तीफा सौंप दिया। विधानसभा के अध्यक्ष ने हालांकि कहा कि वह उचित औपचारिकताओं और जांच के बाद फैसला करेंगे।

धनंजय के इस्तीफे ने अगले साल फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 60 सदस्यों के सदन में सरकार की ताकत को घटाकर 41 कर दिया है। एक साल पहले सिमना निर्वाचन क्षेत्र के आईपीएफटी विधायक वृशकेतु देववर्मा ने इस्तीफा दे दिया और मोथा में शामिल हो गए। वर्तमान में, आईपीएफटी की ताकत घटकर छह हो गई है और भाजपा के पास 35 विधायक हैं।

टीआईपीआरए मोथा के सूत्रों ने कहा कि विप्लव कुमार देव के कैबिनेट के पूर्व मंत्री और आईपीएफटी के महासचिव व मौजूदा विधायक मेवर कुमार जमातिया के साथ तीन अन्य विधायक आईपीएफटी छोड़कर मोथा में शामिल होने के लिए तैयार हैं। मेवाड़ ने गुरुवार रात श्री प्रद्योत के साथ बैठक की।

आईपीएफटी के सूत्रों ने दावा किया कि आईपीएफटी के अधिकांश विधायक और नेता इसके अध्यक्ष व राजस्व मंत्री एन सी देववर्मा का भाजपा के साथ निकटता और आईपीएफटी की मुख्य मांग को आगे बढ़ाने के लिए अनिच्छा के लिए विरोध कर रहे हैं जिसके आधार पर उनका 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले गठबंधन था। आईपीएफटी के विरोधी गुट इसलिए भी एन सी देववर्मा का विरोध कर रहे हैं क्याेंकि उनका मानना है कि अगले चुनाव से पहले देववर्मा आईपीएफटी को भाजपा में विलय करने की योजना बनाई है।

तीन हफ्ते पहले करबुक (सुरक्षित) निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा विधायक बरबा मोहन त्रिपुरा ने विधानसभा की सदस्यता से अपना इस्तीफा दे दिया और शाही वंशज प्रद्योत किशोर देबबर्मन के टीआईपीआरए मोथा में शामिल हो गए। भाजपा के सूत्रों ने बताया कि करमचेरा से भाजपा विधायक डी सी हरंगखल कथित तौर पर कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं।

इस बीच प्रद्योत किशोर देववर्मन ने संकेत दिया कि भाजपा तथा आईपीएफटी के कुछ और आदिवासी विधायक टीआईपीआरए मोथा के संपर्क में हैं व जल्द ही पार्टी में शामिल होंगे। उन्होंने दावा किया कि भाजपा ने गठबंधन बनाने से पहले आईपीएफटी की टिपरालैंड की मांग पर विचार करने के लिए प्रतिबद्ध किया था, लेकिन पिछले साढ़े चार साल में यह एक सपना बनकर रह गया।

उन्होंने कहा,“हम पार्टी की पहचान नहीं जानते, मोथा एक ऐसा मंच है जो त्रिपुरा के स्वदेशी समुदायों के अधिकारों और स्वायत्तता के संवैधानिक समाधान के लिए लड़ रहा है।” त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बिरजीत सिन्हा ने धनंजय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, “आने वाले दिनों में भाजपा के कई विधायक कांग्रेस में शामिल होंगे और संकेत बहुत स्पष्ट हैं कि भाजपा अपने नेताओं की हिंसा, भ्रष्टाचार तथा प्रतिशोध की राजनीति के कारण अपना पूरा कार्यकाल पूरा नहीं करेगी।”

इससे पहले, भाजपा के तीन विधायकों- सुदीप रॉयवर्मन, आशीष साहा और आशीष दास ने पूर्व मुख्यमंत्री विप्लव कुमार देव के कुशासन तथा कुछ केंद्रीय भाजपा नेताओं के उनके प्रति लगाव का विरोध करते हुए पार्टी व विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था। श्री रॉयबर्मन ने इस साल जून में प्रतिष्ठित अगरतला निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर उपचुनाव जीता था।

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