इस्लामिक कैलेंडर
उत्तराखंड  हल्द्वानी 

हल्द्वानी: लाखों सिर झुके सजदे में लेकिन हुसैन ने वो सजदा किया जिस पर खुदा को नाज है…

हल्द्वानी: लाखों सिर झुके सजदे में लेकिन हुसैन ने वो सजदा किया जिस पर खुदा को नाज है… हल्द्वानी, अमृत विचार। कर्बला को कर्बला के शहंशाह पर नाज है, उस नवासे पर मोहम्मद को नाज है… यूं तो लाखों सिर झुके सजदे में, लेकिन हुसैन ने वो सजदा किया जिस पर खुदा को नाज है…. इस्लामिक कैलेंडर के पहले महीने का नाम मुहर्रम है। मुसलमानों के लिए ये सबसे पाक महीना होता है। …
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उत्तर प्रदेश  बरेली 

बरेली: रोज-ए-आशुरा, या हुसैन की सदाओं के साथ निकला मातमी जुलूस

बरेली: रोज-ए-आशुरा, या हुसैन की सदाओं के साथ निकला मातमी जुलूस बरेली, अमृत विचार। जनपद बरेली में ऑल इंडिया अंजुमन गुलदस्ता-ए-हैदरी के तत्वाधान में मंगलवार को शिया समुदाय ने मातमी जुलूस निकाला। इस अवसर पर हसनैन रजा आब्दी ने कहा कि इमाम हुसैन की याद में जुलूस निकालते हैं। इसमें बहुत सारी अंजुमनें इकट्ठा होती हैं। यह जुलूस इमामबाड़ा वसी हैदर से शुरू होता है जो …
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धर्म संस्कृति 

Muharram 2022: आखिर क्यों मनाया जाता है मुहर्रम? जानिए इतिहास और महत्व

Muharram 2022: आखिर क्यों मनाया जाता है मुहर्रम? जानिए इतिहास और महत्व इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक नए साल की शुरुआत मुहर्रम के महीने से होती है। इसलिए मुहर्रम इस्लाम धर्म का पहला महीना होता है। यानी मुहर्रम इस्लाम के नए साल या हिजरी सन् का शुरुआती महीना। बता दें मुहर्रम गम और मातम का महीना है, जिसे इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग मनाते हैं। मुहर्रम बकरीद …
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उत्तर प्रदेश  बरेली 

बरेली: आजम नगर में ताजिया जुलूस की राह में तमाम रोड़े, तारों का जाल, मस्जिद के सामने गंदी नालियां बनी जंजाल

बरेली: आजम नगर में ताजिया जुलूस की राह में तमाम रोड़े, तारों का जाल, मस्जिद के सामने गंदी नालियां बनी जंजाल बरेली, अमृत विचार। इस्लाम धर्म के नए साल की शुरुआत हो चुकी है। मुहर्रम इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से पहला महीना है। इस महीने में मुसलमान खास तौर पर शिया मुसलमान पैगंबर मोहम्मद की नवासे की शहादत का गम मनाते हैं. जिसके चलते जगह जगह ताजियों का जुलूस निकला जाता है। समाज में साम्प्रदायिक सौहार्द …
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धर्म संस्कृति 

भारत में इस साल कब मनाई जाएगी बकरीद, जानें इसका इतिहास और धार्मिक महत्व

भारत में इस साल कब मनाई जाएगी बकरीद, जानें इसका इतिहास और धार्मिक महत्व मुस्लिम धर्म ग्रंथ के मुताबिक बकरीद यानि ईद-उल-अजहा का त्योहार हर साल इस्लामिक कैलेंडर के आखिरी महीने जु-अल-हज्जा में मनाया जाता है। बता दें इसे ईद-उल-अजहा के नाम से भी जानते हैं। कहीं-कहीं इसे बकरीद भी कहते हैं। ईद-उल-अजहा या बकरीद का त्योहार कुर्बानी का पैगाम देता है। जिसका मतलब होता है ख़ुदा के बताये …
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