Garroor
साहित्य 

खुल के मिलने का सलीक़ा आपको आता नहीं…

खुल के मिलने का सलीक़ा आपको आता नहीं… खुल के मिलने का सलीक़ा आपको आता नहीं और मेरे पास कोई चोर दरवाज़ा नहीं वो समझता था, उसे पाकर ही मैं रह जाऊंगा उसको मेरी प्यास की शिद्दत का अन्दाज़ा नहीं जा, दिखा दुनिया को, मुझको क्या दिखाता है ग़रूर तू समन्दर है, तो हो, मैं तो मगर प्यासा नहीं कोई भी दस्तक करे, …
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