लाश-ए-बहार
साहित्य 

वो शोख-शोख नज़र सांवली सी एक लड़की…

वो शोख-शोख नज़र सांवली सी एक लड़की… वो शोख-शोख नज़र सांवली सी एक लड़की जो रोज़ मेरी गली से गुज़र के जाती है                सुना है वो किसी लड़के से प्यार करती है बहार हो के, तलाश-ए-बहार करती है न कोई मेल न कोई लगाव है लेकिन न जाने क्यूँ बस उसी वक़्त जब वो आती …
Read More...

Advertisement