रामपुर : इमामबाड़ा खासबाग से निकला जुलजनाह का जुलूस, स्थानीय अंजुमनों ने की नोहाख्वानी और मातम

रामपुर : इमामबाड़ा खासबाग से निकला जुलजनाह का जुलूस, स्थानीय अंजुमनों ने की नोहाख्वानी और मातम

रामपुर, अमृत विचार। 12वीं मोहर्रम को इमामबाड़ा खासबाग से जुलजनाह का जुलूस निकला। जुलूस में स्थानीय अंजुमनों ने नोहाख्वानी और मातम किया। इसके अलावा जिले भर में शहीदाने कर्बला के तीजे पर नजरो-नियाज और मजलिस मातम का सिलसिला चलता रहा। जुलजनाह का जुलूस निकलने से पहले इमामबाड़ा खासबाग में मौलाना अली मोहम्मद नकवी ने मजलिस …

रामपुर, अमृत विचार। 12वीं मोहर्रम को इमामबाड़ा खासबाग से जुलजनाह का जुलूस निकला। जुलूस में स्थानीय अंजुमनों ने नोहाख्वानी और मातम किया। इसके अलावा जिले भर में शहीदाने कर्बला के तीजे पर नजरो-नियाज और मजलिस मातम का सिलसिला चलता रहा। जुलजनाह का जुलूस निकलने से पहले इमामबाड़ा खासबाग में मौलाना अली मोहम्मद नकवी ने मजलिस को खिताब किया। उन्होंने कहा कि तीन दिन के भूखे प्यासे हजरत इमाम हुसैन को कर्बला के मैदान में यजीद की फौज ने शहीद कर दिया गया। यह सुनकर अजादार जारोकतार रोने लगे।

इमामबाड़ा खासबाग से गुरुवार को शाम चार बजे जुलजनाह का जुलूस निकला। जुलूस में स्थानीय अंजुमनो ने नोहाख्वानी की। इससे पहले इमामबाड़ा में मौलाना अली मोहम्मद नकवी ने मजलिस को खिताब करते हुए कहा कि अल्लाह उसे चाहता है जो हुसैन को चाहते हैं अल्लाह उसे दोस्त रखता है जो हुसैन को दोस्त रखे। कहा कि जब शहजादा-ए-हजरत इमाम हुसैन की विलादत होती है तब हजरत जिब्राईल नाजिल हुए और पैगंबरे खुदा को इमाम हुसैन की विलादत की मुबारकबाद पेश की।

उसके बाद शहादत ए इमाम हुसैन की खबर सुनाई और पैगंबरे इस्लाम रोए। शहजादी फातिमा ने पूछा बाबा आप क्यों रो रहे हैं आपने बयान किया बेटी तेरे यहां बेटा हुआ। इसको मेरी उम्मत कर्बला के मैदान में तीन का भूखा और प्यासा शहीद करेगी इसलिए रो रहा हूं। कहा कि जिक्रे इमाम हुसैन सुनना और सुनाना दोनों नबी ए करीम की सुन्नत है। इसके बाद मौलाना ने कहा कि कर्बला के मैदान में इमाम हुसैन समेत उनके बहत्तर साथियों को शहीद कर दिया गया। इसके बाद यजीद की फौज ने इमाम हुसैन के कुनबे के बच्चों और बीबियों समेत चौथे इमाम हजरत जैनुलआबेदीन को कैदी बना लिया और कूफा ओ शाम के बाजारों में घुमाया।

यह सुनकर अजादार जारो कतार रोए। मजलिस से पहले मिर्जा तकी बेग ने सोजो-सलाम पेश किया। इसके बाद असलम महमूद और इफ्तेखार महमूद उर्फ निक्कू ने यह नोहा पढ़ा-बोली माता मुख छुपायो हाय-हाय, लौट के असगर न आयो हाय-हाय, लाज रख ली तुमने मोरे दूध की-मुस्कुराकर बाण खायो हाय-हाय। जुलूस राहे जुल्फिकार, हाइवे, सीआरपीएफ होता हुआ आगापुर स्थित कर्बला पहुंचा। सुरक्षा के मद्देनजर जुलूस में भारी तादाद में पुलिस बल तैनात रहा। जुलजनाह के जुलूस में पूर्व मंत्री काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां, नवाबजादा हैदर अली खां उर्फ हमजा मियां, शबाब हुसैन, हसीन मियां, आरिफ हुसैन मुंसरिम, मिर्जा मुज्तबा अली बेग, कमल रिजवी,राशिद ऐजाज, मेहंदी हुसैन, शब्बर हुसैन, मंसूर मियां, बाबर हुसैन, अजहर आब्दी,काशिफ खां समेत काफी तादाद में अकीदतमंद मौजूद रहे।

जुलजनाह के जुलूस को पुलिस फोर्स ने दी सलामी
इमामबाड़ा खासबाग से जुलजनाह और जरीह का जुलूस निकलने परी पुलिस फोर्स ने सलामी दी। इस दौरान भारी तादाद में अकीदतमंद मौजूद रहे। जुलजनाह की जियारत करने के लिए आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के काफी अकीदतमंद इमामबाड़ा खासबाग पहुंचे।

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