पीलीभीत: एक फीसदी भी गेहूं खरीद नहीं कर सका सरकारी सिस्टम

पीलीभीत: एक फीसदी भी गेहूं खरीद नहीं कर सका सरकारी सिस्टम

पीलीभीत, अमृत विचार। जनपद के सरकारी क्रय केंद्रों पर एक माह में एक फीसदी भी गेहूं खरीद नहीं हो सकी। आंकड़ों के मुताबिक लक्ष्य के सापेक्ष एक माह में मात्र 0.6 फीसदी ही खरीद हो सकी। गेहूं के बढ़ते बाजार भाव के चलते इस बार सरकारी गेहूं खरीद योजना पूरी तरह धड़ाम हो चुकी है। …

पीलीभीत, अमृत विचार। जनपद के सरकारी क्रय केंद्रों पर एक माह में एक फीसदी भी गेहूं खरीद नहीं हो सकी। आंकड़ों के मुताबिक लक्ष्य के सापेक्ष एक माह में मात्र 0.6 फीसदी ही खरीद हो सकी। गेहूं के बढ़ते बाजार भाव के चलते इस बार सरकारी गेहूं खरीद योजना पूरी तरह धड़ाम हो चुकी है। इधर, अब साख बचाने के लिए जिला प्रशासन और विभागीय अधिकारी माथापच्ची करने में लगे हैं।

तराई के कृषि प्रधान जनपद में 1.42 लाख हेक्टेयर में गेहूं की पैदावार की गई है। जोकि पिछली वर्ष की तुलना में 1.7 फीसदी अधिक है। शासन के निर्देश पर जनपद में एक अप्रैल से गेहूं खरीद शुरू की गई। खरीद को लेकर जनपद भर में 137 क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं। शासन ने इस बार गेहूं खरीद का 2.31 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य दिया है। मगर, इस बार सरकारी सिस्टम के लिए आवंटित लक्ष्य हासिल करना नामुमकिन हो चुका है।

खाद्य एवं रसद विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पहली अप्रैल से लेकर 30 अप्रैल तक लक्ष्य के सापेक्ष मात्र 0.6 फीसदी ही गेहूं खरीद हो सकी है। यानी 137 क्रय केंद्रों पर मात्र 1313 मीट्रिक टन ही खरीद हो सकी है। गेहूं के बढ़ते बाजार भाव के कारण इस बार सरकारी गेहूं खरीद योजना पूरी तरह फेल होती नजर आ रही है।

हालांकि गेहूं खरीद बढ़ाने को लेकर जिला प्रशासन तमाम हथकंडे भी अपना रहा है, लेकिन नाकामी ही हाथ लग रही है। 20 अप्रैल से घर-घर जाकर मोबाइल खरीद शुरू की गई, लेकिन यह योजना भी बुरी तरह धराशायी हो गई। बढ़ते बाजार के चलते इस बार क्रय केंद्रों पर किसान ही नहीं पहुंच रहे हैं।

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