मथुरा: आर्यसमाज का 84वां चार दिवसीय वार्षिकोत्सव हुआ प्रारंभ, वीरांगनाओं ने किया लट्ठ प्रदर्शन

मथुरा: आर्यसमाज का 84वां चार दिवसीय वार्षिकोत्सव हुआ प्रारंभ, वीरांगनाओं ने किया लट्ठ प्रदर्शन

कोसीकलां, अमृत विचार। आर्यनगर स्थित आर्यसमाज धर्मशाला में आर्य समाज का 84वां चार दिवसीय वार्षिकोत्सव धूमधाम से प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम में दूर दराज से आए आर्य विद्वानों ने अपने विचार व्यक्त किये। इससे पूर्व आर्य वीरांगना दल की बालिकाओं द्वारा लटठ प्रदर्शन किया गया। बालिकाओं द्वारा किए गए लट्ठ प्रदर्शन को देख सभी लोग तालियां …

कोसीकलां, अमृत विचार। आर्यनगर स्थित आर्यसमाज धर्मशाला में आर्य समाज का 84वां चार दिवसीय वार्षिकोत्सव धूमधाम से प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम में दूर दराज से आए आर्य विद्वानों ने अपने विचार व्यक्त किये। इससे पूर्व आर्य वीरांगना दल की बालिकाओं द्वारा लटठ प्रदर्शन किया गया। बालिकाओं द्वारा किए गए लट्ठ प्रदर्शन को देख सभी लोग तालियां बजाने को मजबूर हो गए।

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आर्यसमाज के प्रधान डॉ. अमर सिह पोनिया ने कहा कि महर्षि दयानन्द आर्य जैसा समाज सुधारक आज तक इस धरती पर दूसरा नहीं हुआ है। वे नारी शिक्षा, नारी उत्थान, दलित उत्थान, विधवा विवाह, वेद प्रचार आदि पर सबसे अधिक जोर देते थे।

आर्य विद्वानों ने संयुक्त रूप से मानव प्रवृत्ति के विषय में कहा कि यदि कोई प्रभू भक्त हुआ है तो सुधारक नहीं हुआ, सुधारक हुआ है तो सदाचारी नहीं हुआ, सदाचारी हुआ है तो ब्रह्मचारी नहीं हुआ और ब्रह्मचारी वक्ता नहीं हुआ, यदि देश भक्त हुआ है तो वेद भक्त नहीं हुआ। ये विशेषतायें महर्षि दयानन्द में थी।

इस दौरान भाजपा नेता तरूण सेठ, सीमा सेठ, कमल किशोर वार्ष्णेय, डॉ.अमर सिंह पौनियां, बीना पौनियां, नरेन्द्र आर्य, नन्द किशोर आर्य, विजय कुमार आर्य, सत्यप्रकाश, धर्मप्रकाश, धर्मवीर अग्रवाल आदि उपस्थित थे।

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