लखनऊ: अंतरराष्ट्रीय मानव तस्कर गिरोह के दो और सदस्य गिरफ्तार

लखनऊ: अंतरराष्ट्रीय मानव तस्कर गिरोह के दो और सदस्य गिरफ्तार

लखनऊ। बांग्लादेश, म्यांमार, दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन से लेकर कई देशों तक फैले मानव तस्करों के गिरोह के दो और सदस्यों समीर मंडल और विक्रम सिंह को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरोह के चार सदस्य एटीएस ने 26 अक्टूबर को पहले ही गिरफ्तार किए थे। यह गैंग बांग्लादेशी नागरिकों व म्यांमार के रोहिंग्या …

लखनऊ। बांग्लादेश, म्यांमार, दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन से लेकर कई देशों तक फैले मानव तस्करों के गिरोह के दो और सदस्यों समीर मंडल और विक्रम सिंह को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरोह के चार सदस्य एटीएस ने 26 अक्टूबर को पहले ही गिरफ्तार किए थे। यह गैंग बांग्लादेशी नागरिकों व म्यांमार के रोहिंग्या को जाली भारतीय कागजात के जरिए हिंदू नाम से विदेश में भेजता था।  गुरुवार को एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस कर दोनों गिरफ्तारियों की जानकारी दी।

उन्होंने ने बताया कि 26 अक्टूबर को मुगलसराय में चार मानव तस्कर पकड़े गए थे। जिसमें मिथुन मंडल भारतीय और शाओन अहमद, मोमिनुर इस्लाम व मेहंदी हसन बांग्लादेशी नागरिक हैं। यह तीनों भी नकली हिंदू नाम और जाली भारतीय दस्तावेजों के आधार पर भारत में ही रहते थे। इनसे पूछताछ में पता चला कि मिथुन मंडल का भाई रतन मंडल पश्चिम बंगाल के वर्धमान जिले में यूरोपियन टूर एवं ट्रेवेल के नाम से ट्रैवल एजेंसी चलाता है। एटीएस ने जब यहां के सीसीटीवी कैमरे से लेकर कंप्यूटर खंगाले तो कई राज सामने आए।

रतन तो एटीएस के हाथ नहीं आया, लेकिन उसके साथी समीर मंडल को यूपी एटीएस की वाराणसी शाखा ने सुकात नगर उत्तर, 24 परगना, पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार कर लिया है। उसके पास से विभिन्न नाम पतों के जाली भारतीय पासपोर्ट, आधार कार्ड, पैन कार्ड, कोविड एनटीपीसीआर की रिपोर्टें, मतदाता कार्ड, मोहरें, निवास प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र और अन्य इलेक्ट्रोनिक डिवाईसें मिलीं।

समीर अनाज के ट्रांसपोर्ट का काम करता है और उसका कारोबार बांग्लादेश तक फैला है। इसके अलावा इसी गिरोह के विक्रम सिंह को नोयडा फील्ड यूनिट ने गाजियाबाद से गिरफ्तार कर लिया। उसके पास 44 हजार नगदी व मोबाइल मिला है। विक्रम पूर्व में कपड़े का कारोबार करता व बाद में टूर एंड ट्रेवेल कंपनी के लिए कमीशन एजेंट के रूप में कार्य करने लगा था। एडीजी ने बताया कि दोनों को ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया जा रहा है।

लंदन के पासपोर्ट कार्यालय तक पहुंच

विक्रम इस काम में 2016-17 से संलिप्त है। विक्रम फेसबुक के माध्यम से लंदन पासपोर्ट कार्यालय में काम करने वाले गुरप्रीत सिंह के संपर्क में आया। गुरप्रीत भी इसी तरह विदेश भेजने का काम करता था। लगभग 7 महीने पहले विक्रम फेसबुक के माध्यम से ही रतन मंडल के संपर्क में आया। रतन वीजा बनवाने के लिए विक्रम को आवश्यक कागजात तैयार की जिम्मेदारी देता था।

एयरपोर्ट पर हैं गिरोह के सहयोगी

जाली दस्तावेज कहीं चेक न हो इसके लिए इस गिरोह ने एयरपोर्ट पर भी सहयोगी बना रखे हैं। जो आसानी से बोर्डिंग करा देते थे। एटीएस ऐसे लोगों की भी छानबीन कर रही है।

दक्षिण अफ्रीका से मिलती थी कैंडिडेट्स की डिटेल

समीर मंडल ने बताया कि बंगलादेशी नागरिक सईद वर्तमान में साउथ अफ्रीका की नागरिकता प्राप्त कर चुका है। उसी के जरिए बांग्लादेशी नागरिक संपर्क में आते हैं। सईद ही कैंडीडेट का विवरण देकर उसे बांग्लादेश का बार्डर पार कराने का जिम्मा देता था। व्हाट्सएप पर मिले डिटेल के आधार पर समीर इन लोगों को बार्डर पार कराकर अपने भाई सुभाष मंडल के घर पर रखता था। फिर सारे दस्तावेज तैयार कर इन्हें विदेश भेजा जाता था।