आज ही के दिन इंदिरा गांधी के हत्यारों को दी गई थी फांसी, दो सुरक्षाकर्मियों ने की थी उनकी हत्या
आज ही के दिन 1989 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के दोषियों सतवंत सिंह और केहर सिंह को फांसी दी गई थी। इंदिरा गांधी के दो सुरक्षा कर्मी, बेअंत सिंह और सतवंत सिंह, ने 31 अक्टूबर 1984 को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। ये दोनों इंदिरा द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन ब्लू …
आज ही के दिन 1989 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के दोषियों सतवंत सिंह और केहर सिंह को फांसी दी गई थी। इंदिरा गांधी के दो सुरक्षा कर्मी, बेअंत सिंह और सतवंत सिंह, ने 31 अक्टूबर 1984 को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। ये दोनों इंदिरा द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ से नाराज थे। केहर, हालांकि, इंदिरा पर गोली चलाने में शामिल नहीं था, लेकिन उसे इस हत्या के साजिश रचने का दोषी पाया गया था। बेअंत सिंह को इंदिरा पर गोलियां चलाने के बाद उनके सुरक्षाकर्मियों ने वहीं ढेर कर दिया था।
30 अक्टूबर 1984 की शाम, ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में एक सभा आयोजित थी। अगले साल चुनाव होने वाले थे। उसी के प्रचार के लिए इंदिरा ओडिशा पहुंची थीं। उन्होंने अपने भाषण के दौरान कहा कि आज मैं ज़िंदा हूं। शायद कल ना रहूं। मुझे इस बात की परवाह नहीं है। मैंने एक लम्बी जिंदगी जी है और मुझे इस बात का गर्व है कि मैंने अपनी पूरी जिंदगी लोगों की सेवा में बिताई है। अपनी आख़िरी सांस तक मैं सेवा करती रहूंगी। मेरे खून की हर एक बूंद भारत की एकता को मज़बूत बनाएगी।
‘देख क्या रहे हो? गोली चलाओ…’
31 अक्टूबर 1984 को सुबह करीब 9 बजे इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री कार्यालय से बाहर निकलीं। इंदिरा गांधी अधिकारियों से चर्चा कर रही थीं। तभी अचानक उनकी सुरक्षा में तैनात सिक्योरिटी गार्ड बेअंत सिंह ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से इंदिरा गांधी पर तीन गोलियां चलाईं। बेअंत सिंह ने उनसे थोड़ी ही दूर पर खड़े सतवंत सिंह से चिल्लाकर कहा- ‘देख क्या रहे हो? गोली चलाओ।’ सतवंत ने तुरंत अपनी ऑटोमैटिक कार्बाइन की सभी 25 गोलियां इंदिरा गांधी के ऊपर चला दीं। गोली लगने के बाद इंदिरा को तुरंत एम्स हॉस्पिटल ले जाया गया गया, करीब 4 घंटे बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
इंदिरा पर गोलियां चलाने के बाद बेअंत सिंह और सतवंत सिंह को अन्य सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ लिया। इस दौरान भागने की कोशिश में बेअंत सिंह मारा गया। सतवंत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। इंदिरा गांधी के हत्यारे उनसे कथित तौर पर ऑपरेशन ब्लू स्टार का बदला लेना चाहते थे। सिखों के पवित्र स्थल स्वर्ण मंदिर में खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ सेना की मदद से इंदिरा द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन ब्लू स्टार’ में सैकड़ों लोग मारे गए थे।
6 जनवरी 1989 को तिहाड़ जेल में दी गई थी फांसी
सतवंत के साथ ही इंदिरा की हत्या की साजिश रचने वाले केहर सिंह और बलवंत सिंह पर भी मुकदमा चला। हालांकि, बाद में सबूतों के अभाव में बलवंत सिंह रिहा हो गया, लेकिन अदालत ने इंदिरा पर गोलियां चलाने वाले सतवंत सिंह और साजिश रचने वाले केहर सिंह को उनकी हत्या का दोषी मानते हुए मौत की सजा सुनाई। इंदिरा की मौत के करीब 5 साल बाद सतवंत सिंह (54 साल) और केहर सिंह (26 साल) को 6 जनवरी 1989 को तिहाड़ जेल में फांसी की दे दी गई। फांसी के बाद दोनों के शव उनके परिजनों को भी नहीं दिए गए और जेल प्रशासन ने ही उनका अंतिम संस्कार किया।