कुत्ता पालें…गलतफहमी नहीं, यहां जानिए डॉग पालने की Guidelines, नहीं तो होगी जेल!

कुत्ता पालें…गलतफहमी नहीं, यहां जानिए डॉग पालने की Guidelines, नहीं तो होगी जेल!

नई दिल्ली। अक्सर कुत्तों के काटने की खबरें आती रहती हैं। लेकिन इन दिनों कुत्तों के हमले से जान जाने की शिकायतें काफी आ रही हैं। ऐसे में कुत्ता पालने वालों के लिए ये खबर अहम है। यह जानना बेहद जरूरी है कि कुत्ते के काटने पर पीड़ित के पास क्या-क्या कानूनी अधिकार हैं। कुता …

नई दिल्ली। अक्सर कुत्तों के काटने की खबरें आती रहती हैं। लेकिन इन दिनों कुत्तों के हमले से जान जाने की शिकायतें काफी आ रही हैं। ऐसे में कुत्ता पालने वालों के लिए ये खबर अहम है। यह जानना बेहद जरूरी है कि कुत्ते के काटने पर पीड़ित के पास क्या-क्या कानूनी अधिकार हैं। कुता पालने वालों के लिए किस गाइडलाइन का पालन करना जरूरी है।

क्या करें?
कुत्ता पालने के लिए सबसे पहले जरूरी है कि उसे रेबीज का टीका जरूर लगवाएं। इसके अलावा समय-समय पर उसके अन्य टीकाकरण भी करवाते रहें। घर में डॉग होने पर लोगों को सावधान करने वाला बोर्ड जरूर लगाएं। कहीं बाहर घुमाने ले जाएं तो एंटी डॉग बाइट मास्क जरूर लगाएं। यह मास्क नायलान, जूट या सूत का बना खोंचनुमा हो सकता है। इसे लगाने से डॉग अपना मुंह नहीं खोल पाता। कुता पालने वाले लोग नगर निगम में जाकर उसका रजिस्ट्रेशन अवश्य कराएं। इसे समय-समय पर रिन्यू करवाते रहें। इसके लिए कई बार आपको अपने पड़ोसियों से एनओसी भी लेना पड़ सकता है, लेकिन यह हमेशा अनिवार्य नहीं है। कुत्तों को बाहर लेकर निकलें तो उसके गले में पट्टा लगा हो और रस्सी का कंट्रोल आपके हाथ में हो। साथ में डंडा होना भी जरूरी है।

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भारतीय पशु कल्याण बोर्ड की गाइडलाइन

भारतीय पशु कल्याण बोर्ड के अनुसार कोई भी सोसासटी पालतू जानवर रखने पर रोक नहीं लगा सकती। मालिक के आलावा लाइसेंसधारी किरायेदार भी अपने फ्लैट या मकान में पालतू जानवर रख सकते हैं। कुत्तों के भौंकने के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता। क्योंकि यह डॉग की सामान्य प्रक्रिया है। इसके साथ कोई भी व्यक्ति भेदभाव नहीं कर सकता है। डॉग को पालना या नहीं पालना स्वैच्छिक है। कोई सोसायटी कुत्तों को लिफ्ट में लाने या ले जाने पर अतिरिक्त शुल्क नहीं लगा सकती। निजी सोसायटी सुरक्षा की दृष्टि से पार्क व परिसर में कुत्ता लाने-ले जाने का समय निर्धारित कर सकती हैं। कोई सोसायटी कुत्तों को लिफ्ट में लाने या ले जाने पर अतिरिक्त शुल्क नहीं लगा सकती।

वैधानिक कार्रवाई
अगर किसी व्यक्ति को कुत्ता काट ले और उस कुत्ते का कोई मालिक है तो उसके खिलाफ पीड़ित आइपीसी की धारा 289 के तहत कार्रवाई कर सकता है। इससे मालिक को छह महीने तक की जेल अथवा एक हजार रुपए से लेकर अन्य सीमा तक जुर्माना लगाया जा सकता है। यह जुर्माना नगर निगम भी लगा सकता है। कुत्ते के काटने से अगर किसी की मौत हो जाती है तो फिलहाल जुर्माना देने का कोई नियम नहीं है। वहीं यदि आवारा कुत्ता काट ले तो इसके लिए इलाके के नगर निगम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में इसका कोई नियम नहीं है।

बरतें ये सावधानी
अगर कोई कुत्ते के काटने या हमले का शिकार हो चुका है तो तुरंत ही एंटी रेबीज का टीका लगवाएं। एंटीरेबीज का पहला टीका 72 घंटे के अंदर लग जाना चाहिए। मगर इसके लिए 24 घंटे बीतने या 72 घंटे आने का इंतजार नहीं करें। कुत्ते के काटने के तुरंत बाद टीका जरूर लगवा लें। पहले टीके के बाद अन्य सभी टीके भी नियमित रूप से लगवाते रहें। अगर कोई भी टीका मिस हुआ तो यह रेबीज का कारण हो सकता है, जो कि लाइलाज बीमारी है।

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