अंधकार से लड़ाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 से लड़ाई के बीच लॉकडाउन के नौ दिन पूरे होने पर देशवासियों से फिर कोरोना नामक अंधकार से लड़ाई में देशवासियों के जज्बे की सराहना की। तो साफ है कि प्रधानमंत्री लोगों के भीतर इस मुसीबत से पार पाने की भावना को हर हाल में प्रोत्साहित करना चाहते हैं। 21 …

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 से लड़ाई के बीच लॉकडाउन के नौ दिन पूरे होने पर देशवासियों से फिर कोरोना नामक अंधकार से लड़ाई में देशवासियों के जज्बे की सराहना की। तो साफ है कि प्रधानमंत्री लोगों के भीतर इस मुसीबत से पार पाने की भावना को हर हाल में प्रोत्साहित करना चाहते हैं। 21 दिनों तक सारे कामकाज ठप और लोग घरों के भीतर है, तो यह कोई मामूली बात नहीं है। मगर यह इस वक्त का तकाजा है कि ऐसा करने से ही कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से पार पाया जा सकता है।

130 करोड़ की जनसंख्या वाले हमारे देश में अब जिस तरह से लॉकडाउन सफल होता दिख रहा है उससे कोरोना से लड़ाई में एक उम्मीद जरूर जगती है। अब लोगों की भीड़ सड़कों पर नहीं है और सभी राज्यों की सीमाएं सील होने के साथ ही लोगों ने घरों से निकलना भी लगभग बंद कर दिया है। कोरोना के खिलाफ जागरूकता का भी यह परिणाम है, मगर लड़ाई अभी बहुत लंबी है।

अभी लॉकडाउन के केवल नौ दिन पूरे हुए हैं, और अब भी कोरोना के नए संक्रमण की खबरें आ रही हैं। मगर यह लॉकडाउन कम से कम इतना भरोसा तो जरूर जगाता है कि इस वायरस से मास संक्रमण की आशंका अब कम से कम नहीं के बराबर है जैसा कि विशेषज्ञ कह रहे हैं, और उम्मीद की जानी चाहिए कि ऐसा ही हो। प्रधानमंत्री ने शुक्रवार सुबह लोगों से संदेश में कहा कि आगामी रविवार को लोग अपने घरों पर रहकर ही कोरोना से खिलाफ एकजुटता का परिचय देते हुए अंधकार को मात देने के लिए अपने घरों के आगे दीया जलाएं, टॉर्च या मोबाइल की रोशनी करें या मोमबत्ती जलाएं।

इस दौरान उन्होंने लोगों से अपने घरों की लाइट बंद करने की अपील की। इस बात के पीछे भाव यह है कि विश्व और देश में अभी कोरोना का अंधेरा छाया हुआ है। मगर हम सब एक साथ उसके खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं और लड़ते रहेंगे जब तक कि कोरोना का खात्मा नहीं हो जाता। लाइट बंद करने के पीछे उस महामारी को बताना और दीया जलाने का अर्थ होगा कि हम एकजुटता, विजय का प्रकाश फैलाएंगे। लोगों को इस मुसीबत की घड़ी में आपस में जोड़ने और विश्वास पैदा करने का भी यह तरीका होगा।

कोरोना संक्रमण की शुरुआत से लेकर अब तक प्रधानमंत्री ने लोगों के बीच संवाद कर जिस तरह से उनमें लड़ाई से जीत के प्रति भरोसा जताया है वह लोगों में उम्मीद पैदा करता है। जाहिर है इस अंधेरे के वक्त लोगों के मन में उम्मीद का जगाना भी जरूरी है और यह काम देश का मुखिया करता है तो उससे देशवासियों के मन में अच्छे भाव का संचार होगा। उम्मीद की जानी चाहिए कि लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कर देश इस वैश्विक महामारी से पार पा लेगा।