…जब तेज धड़के आपका हृदय तो न आइए जिला अस्पताल

मुरादाबाद,अमृत विचार। मंडल मुख्यालय के जिला अस्पताल में हृदयरोग विशेषज्ञ का न तो पद है और न ही किसी की तैनाती। ऐसे में 38 लाख की आबादी वाले जिले में यदि किसी का हृदय अनियंत्रित धड़के तो उसे इलाज के लिए दिल्ली, मेरठ, बरेली की दौड़ लगानी पड़ती है या फिर जिले में निजी कार्डियोलाजिस्ट …

मुरादाबाद,अमृत विचार। मंडल मुख्यालय के जिला अस्पताल में हृदयरोग विशेषज्ञ का न तो पद है और न ही किसी की तैनाती। ऐसे में 38 लाख की आबादी वाले जिले में यदि किसी का हृदय अनियंत्रित धड़के तो उसे इलाज के लिए दिल्ली, मेरठ, बरेली की दौड़ लगानी पड़ती है या फिर जिले में निजी कार्डियोलाजिस्ट के क्लीनिक पर जाना पड़ता है। यह स्थिति तब और चिंताजनक है जब 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया गया। जहां एक तरफ देश-दुनिया में उच्च वैज्ञानिक तकनीक आधारित बेहतर चिकित्सा सुविधा का विस्तार हो रहा है तो दूसरी तरफ मुरादाबाद के सरकारी चिकित्सालयों में हृदयरोग का इलाज आजादी के कई 75 वर्ष बाद भी नसीब नहीं हुआ।

जिला अस्पताल में चेस्ट फिजिशियन के भरोसे सीने में दर्द और सांस फूलने आदि के कम गंभीर मरीजों का इलाज हो रहा है। गंभीर मरीजों को मेरठ मेडिकल कॉलेज रेफर करना मजबूरी है। यहां ट्रामा सेंटर भी केवल दिखावा बन कर रह गया है। जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. एनके गुप्ता का कहना है कि कम गंभीर मरीजों का इलाज फिजिशियन व चेस्ट फिजिशियन करते हैं। कार्डियोलाजिस्ट न होने से गंभीर मरीजों को उच्च चिकित्सा संस्थान रेफर करना मजबूरी है।

संतुलित-स्वस्थ जीवन शैली से नियंत्रित होगा हृदयरोग
हृदयरोग जटिल जीवन शैली का कारण माना जा रहा है। अव्यवस्थित जीवन शैली और असंतुलित खानपान के चलते हृदय रोग के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। भागदौड़ की जिंदगी में लोग अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिसका खामियाजा उनके दिल को भुगतना पड़ रहा है। हृदय रोग विशेषज्ञों के अनुसार दिल की बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है। तनाव, थकान और प्रदूषण के अलावा आनुवांशिक कारण भी हृदयरोग के कारण बनते हैं। जिला अस्पताल के वरिष्ठ चेस्ट फिजिशियन डॉ. प्रवीण शाह कहते हैं कि हृदयरोग के प्रति विशेष रूप से सजग रहने की जरूरत है। रक्तचाप कम या अधिक होने, दिल की धड़कन असामान्य होने, सांस फूलने आदि के लक्षण दिखने पर तुरंत विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क कर उनकी सलाह पर जांच व इलाज कराएं।

बचाव के उपाय

  • व्यायाम करें, भरपूर नींद लें।
  • तनाव न लें, संतुलित आहार, धूम्रपान, तंबाकू व शराब के सेवन से बचें।
  • सुबह-शाम टहलें, मन भारी होने पर संगीत सुनें।
  • खान पान में सावधानी बरतें, अधिक तेल, वसायुक्त भोज्य पदार्थों से जहां तक हो सके परहेज करें।

हृदयरोग के मुख्य कारण

निष्क्रिय जीवन शैली, अत्यधिक तनाव, हाइपरटेंशन, मधुमेह, अधिक धूम्रपान, मोटापा, वसायुक्त भोजन व कई मामले में आनुवांशिक कारण हृदयरोग के प्रमुख कारण हैं। डॉ. शाह कहते हैं कि अनुमान के अनुसार देश में 10.2 करोड़ लोग इस बीमारी की चपेट में हैं।

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