आरंभ है प्रचंड! PFI पर लगा 5 साल का प्रतिबंध, 8 और संगठनों पर भी एक्शन, RSS के बैन की भी मांग
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) और उसके सहयोगियों या मोर्चों को तत्काल प्रभाव से पांच साल की अवधि के लिए एक गैरकानूनी संघ के रूप में घोषित किया। इससे पहले देशभर में पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान उसके 200 से अधिक नेताओं व कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया …
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) और उसके सहयोगियों या मोर्चों को तत्काल प्रभाव से पांच साल की अवधि के लिए एक गैरकानूनी संघ के रूप में घोषित किया। इससे पहले देशभर में पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान उसके 200 से अधिक नेताओं व कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया था। केंद्र सरकार द्वारा आज 5 साल के लिए PFI को बैन और उसके सहयोगियों को गैरकानूनी घोषित करने के बाद शाहीन बाग इलाके में PFI कार्यालय के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
केंद्र सरकार ने बुधवार सुबह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को 5 साल के लिए बैन कर दिया। पहले इस संगठन पर दिसंबर तक बैन लगाने की तैयारी थी। PFI के अलावा 8 और संगठनों पर कार्रवाई की गई है। गृह मंत्रालय ने इन संगठनों को बैन करने का नोटिफिकेशन जारी किया है।
गृह मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना में पीएफआई के काले कारनामों को पूरा कच्चा चिट्ठा खोलकर रख दिया गया है। बता दें कि दो दिन की रेड के बाद पीएफआई के कम से कम 250 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। एनआईए के छापेमारी में भी कई ऐसे सबूत मिले हैं जिससे पीएफआई के टेरर लिंक की पुष्टि होती है। पीएफआई लंबे समय से एजेंसियों के रडार पर था।
क्या बोले ओवैसी ?
All India Majlis-e-Ittehadul Muslimeen (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि PFI प्रतिबंध का समर्थन नहीं किया जा सकता है…अपराध करने वाले कुछ व्यक्तियों के कार्यों का मतलब यह नहीं है कि संगठन को ही प्रतिबंधित किया जाए।
While I have always opposed PFI's approach and supported democratic approach, this ban on PFI cannot be supported
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 28, 2022
How come PFI is banned but organisations associated with convicts of Khaja Ajmeri bomb blasts aren’t? Why has govt not banned right wing majoritarian organisations?
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 28, 2022
राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके अनुषांगिक संगठनों पर लगाया गया प्रतिबंध सराहनीय एवं स्वागत योग्य है।
यह 'नया भारत' है, यहां आतंकी, आपराधिक और राष्ट्र की एकता व अखंडता तथा सुरक्षा के लिए खतरा बने संगठन एवं व्यक्ति स्वीकार्य नहीं।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 28, 2022
PFI बैन पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और उसके अनुषांगिक संगठनों पर लगाया गया प्रतिबंध सराहनीय एवं स्वागत योग्य है। यह ‘नया भारत’ है, यहां आतंकी, आपराधिक और राष्ट्र की एकता व अखंडता तथा सुरक्षा के लिए खतरा बने संगठन एवं व्यक्ति स्वीकार्य नहीं।
कांग्रेस सांसद ने की RSS पर प्रतिबंध लगाने की मांग
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर पांच साल के प्रतिबंध के बाद सियासत शुरू हो गई है। गृह मंत्रालय के फैसेल पर कांग्रेस सांसद ने आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की है। केरल में कांग्रेस सांसद और लोकसभा में मुख्य सचेतक कोडिकुन्निल सुरेश ने इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, पीएफआई पर प्रतिबंध लगाना कोई उपाय नहीं है। हम आरएसएस पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग करते हैं। आरएसएस पूरे देश में हिंदू सांप्रदायिकता फैला रहा है। पीएफआई और आरएसएस एक समान हैं, इसलिए सरकार को दोनों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।
अजय मिश्र टेनी की प्रतिक्रिया
PFI पर बैन को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी ने कहा कि NIA के द्वारा जांच की जा रही थी, उसी के अनुरूप ये कार्रवाई की गई है। आने वाले समय में भी जैसे सूचनाएं मिलेंगी उसी के अनुसार कार्रवाई की गई। वहीं, कांग्रेस सांसद द्वारा RSS पर बैन की मांग पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी ने कहा कि कांग्रेस को राजस्थान में जो कहना चाहिए, वो कह नहीं पा रहे… ऐसी किसी भी बात के लिए जो राष्ट्रविरोधी ताकतों को मदद करने वाली हो वो खुलकर सामने आ जाते हैं। मैं यही कहूंगा कि राष्ट्रनिर्माण में अपना योगदान करें।
अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया भी देखें
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने कहा कि राजस्थान में भी जिस प्रकार कई ज़िलों में दंगा हुआ, उसी समय हम कह रहे थे कि PFI का इसमें हाथ था। यहां पर भी जब सिद्धारमैया कि सरकार था उस समय भी 23 से अधिक लोगों की हत्या हुई थी। देश को अखंड रखने के लिए इसपर (PFI) बैन जरूरी था।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि मैं भारत सरकार द्वारा PFI पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का स्वागत करता हूं। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ है कि भारत के खिलाफ विभाजनकारी या विघटनकारी डिजाइन से सख्ती से निपटा जाएगा।
PFI बैन पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने का समय आ गया था। भारत सरकार ने सही फैसला लिया है। यह सभी राष्ट्र विरोधी समूहों के लिए एक संदेश है। मैं लोगों से ऐसे संगठनों से नहीं जुड़ने का आग्रह करता हूं।
PFI बैन पर यूपी के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि PFI की असामाजिक गैरकानूनी गतिविधियां लगातार जारी थी। विभिन्न जांच एजेंसियां जांच कर रही थी। जो तथ्य प्रकाश में आए हैं उन्हें देखते हुए गृह मंत्रालय ने जो निर्णय लिया है उसकी पूरे देश ने सराहना की है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि PFI के लोग पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाते हैं, उनको इस देश में ऐसे नारे लगाने का अधिकार नहीं है। केंद्र सरकार ने ये अच्छा फैसला किया है। ये देश भक्तों का देश है और यहां देशद्रोही बयान कोई किसी पर नहीं कर सकता।
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि देश के बाहर बैठे दुश्मनों से देश के अंदर बैठे दुश्मन ज्यादा खतरनाक हैं। PM मोदी ने PFI पर प्रतिबंध लगाकर देश को सुरक्षित रखने का काम किया है। PM द्वारा जो देश का शुद्धीकरण अभियान चलाया जा रहा है, हर भारतवासी उनके साथ है।
PFI बैन पर राजस्थान के मंत्री प्रताप खचरियावास ने कहा कि आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिए सरकार कोई कदम उठाएगी तो हम सरकार का विरोध नहीं करेंगे लेकिन उस कदम में सच्चाई और ईमानदारी नजर आनी चाहिए। ये बैन आप पहले कर देते। इसकी डिमांड तो मैं पहले उठा चुका हूं। तो आप इतने दिन क्या कर रहे थे।
केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने कहा कि देश के हित में जो उचित है वही किया गया है। देश की सुरक्षा का मामला है। देश में सभी लोगों की मांग है कि अराजक तत्व कोई भी हो उनसे देश को बचाया जाए। जो भी कार्रवाई की गई है वो जनहित में की गई है। वो स्वागत योग्य है।
भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने पीएफआई व उससे संबद्ध कई अन्य संगठनों पर प्रतिबंध लगाए जाने के केंद्र सरकार के निर्णय की बुधवार को सराहना की। उन्होंने कहा कि यह कदम दर्शाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार उन ताकतों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करती है, जिनका उद्देश्य देश में शांति व स्थिरता को बाधित करना होता है।
PFI पर 5 साल के बैन पर हिमाचल प्रदेश CM जयराम ठाकुर ने कहा कि मैं केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत करता हूं। भारत में इनकी गतिविधियां संदिग्ध थीं। एक बार नहीं कई बार इसके प्रमाण सामने आए थे और कार्रवाई करने की दिशा में कुछ कदम उठाने की जरूरत थी।इनकी गतिविधियां देश और समाज हित में नहीं है।
केंद्र सरकार द्वारा PFI पर 5 साल का प्रतिबंध लगाने पर त्रिपुरा के सीएम माणिक साहा ने कहा कि देश की अखंडता के लिए ये होना बहुत जरूरी है। इस घोषणा से मैं बहुत खुश हूं।
केंद्र सरकार द्वारा PFI पर 5 साल का प्रतिबंध लगाने पर उत्तर प्रदेश के मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए ये बहुत बड़ा कदम उठाया गया है मैं इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्री और उत्तर प्रदेश की सरकार को धन्यवाद करता हूं।
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— Amrit Vichar (@AmritVichar) September 28, 2022
पीएफआई से जुड़े किन संगठनों पर बैन
PFI के सहयोगी संगठनों पर भी बैन लगाया गया है। गृह मंत्रालय का कहना है कि पीएफआई ने समाज के विभिन्न वर्गों, युवाओं, छात्रों और कमजोर वर्गों को टारगेट करने के लिए सहयोगी संगठनों की स्थापना की है। इसका एकमात्र उद्देश्य प्रभाव और फंड जुटाने की क्षमता को बढ़ाना है। इन संगठनों में कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, रिहैब इंडिया फाउंडेशन, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, नेशनल कन्फेडेरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइंजेशन, विमेंस फ्रंट, जूनियर फंर्ट, एंपावर इंडिया फाउंडेशन, रिहैब फाउंडेशन शामिल हैं।
ISIS से लिंक
गृह मंत्रालय ने नोटिफिकेशन में कहा है कि पीएफआई के वैश्विक आतंकवादी समूहों जैसे कि आईएसआईएस से लिंक के उदाहरण मिले हैं। इससे जुड़ी संस्थाएं देश में असुरक्षा की भावना पैदा कर कट्टरपंथ को बढ़ाने का काम कर रही हैं। पीएफआई के संस्थापक कई सदस्य सिमी के भी सदस्य रह चुके हैं। बता दें कि सिमी भी सरकार की तरफ से प्रतिबंधित कर दिया गया था।
सरकार ने गिनाए काले कारनामे
सरकार ने पीएफआई के काले कारनामों को गिनाते हुए कहा है कि यह आतंकी मामलों में सामिल रहा है और देश के संवैधानिक प्राधिकार का अनादर करता है और बाहरी स्रोतों से फंड प्राप्त करके भारत की आंतरिक सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने का काम कर रहा है। इसके अलावा यह भी स्पष्ट हुआ है कि पीएफआई हिंसक और विध्वंसक कार्यों में लिप्त है। एक कॉलेज के प्रोफेस का हाथ काटना, अन्य धर्मों का पालन करने वाले संगठनों से जुड़े लोगों की निर्मम हत्या करना, प्रमुख लोगों और स्थानों को निशाना बनाने के लिए विस्फोटक प्राप्त करना और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के सबूत हासिल हुए हैं।
सरकार ने बताया है कि कई लोगों की हत्या में भी पीएफआई का हाथ रहा है। तमिनलनाडु के वी रामलिंगम, केरल के नंदू, कर्नाटक के आर रूद्रेश, प्रवीण पुजारी, तमिलनाडु के शशि कुमार और प्रवीण नेतारू हत्याकांड में भी पीएफआई का ही हाथ रहा है। इसके अलावा पीएफआई के सदस्य सीरिया, ईराक और अफगानिस्तान जाकर आतंकी समूहों में भी शामिल हुए हैं। इसके अलावा पीएफआई हवाला और डोनेशन के जरिए भारत में कट्टरपंथ फैलाने के लिए धन इकट्ठा कर रहा है।
देश में अघोषित आपातकाल: एसडीपीआई
सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) ने केंद्र सरकार के फैसले का विरोध किया है। पार्टी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि पीएफआई पर बैन लगाना भारतीय संविधान और लोकतंत्र पर हमला है। बयान में कहा गया है कि देश में अघोषित आपातकाल लागू है।
लड्डू बांटे और पटाखे फोड़े
वहीं, महाराष्ट्र के पुणे में MNS (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना) के कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार द्वारा PFI पर लगाए गए प्रतिबंध का जश्न मनाते हुए स्थानीय लोगों के बीच लड्डू बांटे और पटाखे फोड़े। केंद्र सरकार द्वारा PFI पर 5 साल के प्रतिबंध के बाद कानपुर में जश्न मनाया गया।
PFI की तरह जितने भी नफ़रत और द्वेष फैलाने वाले संगठन हैं सभी पर प्रतिबंध लगाना चाहिए जिसमें RSS भी शामिल है। सबसे पहले RSS को बैन करिए, ये उससे भी बदतर संगठन है।
आरएसएस पर दो बार पहले भी बैन लग चुका है। सनद रहे, सबसे पहले RSS पर प्रतिबंध लौह पुरुष सरदार पटेल ने लगाया था।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) September 28, 2022
RSS पर भी लगे बैन : लालू यादव
RJD के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने पार्टी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया। लालू प्रसाद यादव ने कहा कि PFI पर जांच हो रही है। PFI की तरह जितने भी संगठन हैं सभी पर प्रतिबंध लगाना चाहिए जिसमें RSS भी शामिल है। सभी पर प्रतिबंध लगाया जाए…. सबसे पहले RSS को बैन करिए, ये उससे भी बदतर संगठन है।
पीएफआई पर बैन गलत : सपा सांसद
संभल से सपा सांसद शफीक उर रहमान बर्क ने कहा कि पीएफआई पर बैन गलत है, वह एक राजनीतिक पार्टी है। देश के अंदर जम्हूरियत है, लोकतंत्र है, ऐसी पॉलिटिकल पार्टियां बहुत सी हैं। मेरी राय में ये कदम ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि पीएफआई में जो गिरफ्तारियां हुई हैं, वो भी गलत हैं। उन्होंने कहा, जिस तरह से बीजेपी काम कर रही है। 2024 में जनता उन्हें सबक सिखाएगी।
कानून के मुताबिक कार्रवाई हो : आप सांसद
पीएफआई बैन पर आप सांसद संजय सिंह ने कहा, देश में कोई भी संस्था जो गैर कानूनी काम करती है, नफरत फैलाने का काम करती है, उनके खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई होनी ही चाहिए। जांच एजेंसियों ने जो साक्ष्य जुटाए हैं वे सामने रखेंगे।
बैन हल नहीं : येचुरी
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (एम) के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि हमें लगता है कि पीएफआई की चरमपंथी गतिविधियां खत्म होनी चाहिए, केरल में पीएफआई और आरएसएस के कार्यकर्तांओं की हत्याओं और जवाबी हत्याओं के कारण हिंसा होती है। दोनों पर रोक लगनी चाहिए। उन्होंने कहा, बैन हल नहीं है. उन्होंने कहा कि गांधी की हत्या के बाद आरएसएस पर तीन बार बैन लगा, लेकिन क्या इससे कुछ रुका।
राहुल गांधी की यात्रा से डरकर लगाया बैन : अधीर रंजन
अधीर रंजन ने यह भी कहा कि महात्मा गांधी की हत्या करने के बाद RSS को प्रतिबंधित किया गया था। इसी आरएसएस और हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों को कभी ट्रेन विस्फोट मामले में कभी मस्जिद में विस्फोट में गिरफ्तार किया गया । तब आरएसएस को क्यूं प्रतिबंधित नहीं किया गया। ऐसे में जो अब नीति की बात कर रहे हैं उन्हें अपने अतीत में झांकने की ज़रूरत है। वैसे पीएफआई को लेकर हमें कोई सिरदर्द नहीं है।
कांग्रेस सांप्रदायिकता के खिलाफ : जयराम रमेश
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से सभी प्रकार के सांप्रदायिकता की खिलाफ रही है, हम बहुसंख्यकवाद या अल्पसंख्यकवाद के आधार पर धार्मिक उन्माद में फर्क नहीं करते. कांग्रेस की नीति हमेशा से बिना किसी डर के, बिना किसी समझौते के सांप्रदायिकता से लड़ने की रही है। हम हर उस विचारधारा और संस्था के खिलाफ हैं जो हमारे समाज का धार्मिक ध्रुवीकरण करने के लिए पूर्वाग्रह, नफरत, कट्टरता और हिंसा का सहारा लेती है। हम भारत के बहुलतावाद को संरक्षित और संवर्धित करने की लड़ाई प्राथमिकता से लड़ रहे हैं और राष्ट्रवादी उत्सव में भारत के सेक्युलर और सामूहिकता के तानेबाने को आगे ले जा रहे हैं।
सबूत अगर हैं तो होनी चाहिए कड़ी कार्रवाई : कमलनाथ
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केंद्र सरकार द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को प्रतिबंधित किए जाने पर आज कहा कि अगर सबूत हैं तो हर संगठन पर कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन पीएफआई अगर पहले से आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त रहा तो केंद्र सरकार इतने समय से क्या कर रही थी।
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