बरेली: नैनो तकनीक से मुर्गियों की होगी शारीरिक वृद्धि, बढ़ेगी किसानों की आय

बरेली: नैनो तकनीक से मुर्गियों की होगी शारीरिक वृद्धि, बढ़ेगी किसानों की आय

बरेली, अमृत विचार। कम लागत में किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान (सीएआरआई) के वैज्ञानिक नैनो तकनीक से मुर्गियों की वृद्धि में आवश्यक खनिज पदार्थों की मात्रा की कमी को पूरा करने के लिहाज से अध्ययन कर रहे हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार मुर्गियों को दिए जाने वाले दाने से …

बरेली, अमृत विचार। कम लागत में किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान (सीएआरआई) के वैज्ञानिक नैनो तकनीक से मुर्गियों की वृद्धि में आवश्यक खनिज पदार्थों की मात्रा की कमी को पूरा करने के लिहाज से अध्ययन कर रहे हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार मुर्गियों को दिए जाने वाले दाने से उसमें मौजूद खनिज पदार्थ बहुत कम मात्रा में मुर्गियों के शरीर में अवशोषित होते हैं। जिससे कई बार मुर्गियों का शारीरिक विकास देरी से होता है।

संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा. अभिषेक विश्वास ने बताया कि ये प्रोजेक्ट मार्च 2021 में शुरू किया गया था। जिसमें उनके साथ तीन अन्य वैज्ञानिकों ने भी सहयोग किया। संस्थान के निदेशक डा. एके तिवारी के नेतृत्व में वर्तमान में भी प्रोजेक्ट पर अध्ययन जारी है। प्रोजेक्ट के तहत गुड़गांव की जेएस वाटर इनर्जी लाइफ कंपनी की ओर से नैनो तकनीक पर मुर्गियों के लिए आवश्यक नौ खनिज पदार्थ,

जिनमें कैल्शियम, फास्फोरस, जिंक, मैगानीज, मैग्नीशियम, कोबाल्ट, आयरन, कॉपर, सोलेनियम व मिथायोनाइन ( एक प्रकार का अमिनो एसिड) का मिश्रण तैयार किया गया। जिसको संस्थान के वैज्ञानिकों की ओर से इस नैनो मिश्रण को पानी के साथ मिलाकर ब्रायलर (मुर्गी की एक प्रजाति) को दिया गया। जिसके बाद परिणाम का विश्लेषण किया गया।

चार ग्रुप पर किया गया अध्ययन
वैज्ञानिकों की ओर से अध्ययन के लिए मिश्रण के चार ग्रुप बनाए गए। जिसमें पहले ग्रुप में कंट्रोल ग्रुप (इस ग्रुप में पानी में कुछ नहीं मिलाया) दूसरे ग्रुप में 1000 मुर्गियों के पानी के साथ 3 मिलीलीटर नैनो मिश्रण को मिलाया गया। तीसरे ग्रुप में 1000 मुर्गियों के पानी में 5 मिलीलीटर नैनो मिश्रण को मिलाया गया। वहीं, चौथे ग्रुप में 1000 मुर्गियों के पानी में 7 मिलीलीटर नैनो मिश्रण को मिलाकर अध्ययन किया गया। इस दौरान मिश्रण को दो दिन के अंतराल में मुर्गियों को पानी में दिया गया।

42 दिन तक ब्रायलर पर किया विश्लेषण
इस मिश्रण के बेहतर परिणाम के लिए मुर्गियों की ब्रायलर प्रजाति को चुना गया। जिसमें वैज्ञानिकों की टीम ने छह हफ्ते तक ब्रायलर पर अध्ययनन किया। जिसमें चौथे ग्रुप, जिसमें 1000 मुर्गियों के पानी में 7 मिलीमीटर नैनो मिश्रण को मिलाया गया था, में कंट्रोल ग्रुप के मुकाबले में 200-250 ग्राम ज्यादा वजन रिकार्ड किया गया।

वहीं, वजन में बढ़ोत्तरी के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि हुई। वहीं, हानिकारक बैक्टीरिया के प्रभाव को 10-12 प्रतिशत तक कम किया, जबकि लाभदायक बैक्टीरिया के प्रभाव को 16-17 प्रतिशत बढ़ाया। वैज्ञानिकों की ओर से वर्तमान में अंडे देने वाले लेयर प्रजाति की मुर्गियों पर अध्ययन जारी है। जिसके परिणाम 10 महीने में आने पर विश्लेषण किया जाएगा।

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