बरेली: पूर्व नगर आयुक्त से आठ और सहायक नगर आयुक्त के आदेश से 11 लाख हुए माफ

बरेली: पूर्व नगर आयुक्त से आठ और सहायक नगर आयुक्त के आदेश से 11 लाख हुए माफ

बरेली,अमृत विचार। नगर निगम में पहले बिल बढ़ाकर भेजो फिर सही कराने के नाम पर बढ़ा बिल कम कर दो। इसके एवज में निगम अफसरों और उनके चहेते कर्मचारियों ने खूब जेब भरी। निगम के राजस्व को नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अभी तक जो भी मामले सामने आ रहे हैं। उनमें वर्ष …

बरेली,अमृत विचार। नगर निगम में पहले बिल बढ़ाकर भेजो फिर सही कराने के नाम पर बढ़ा बिल कम कर दो। इसके एवज में निगम अफसरों और उनके चहेते कर्मचारियों ने खूब जेब भरी। निगम के राजस्व को नुकसान पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अभी तक जो भी मामले सामने आ रहे हैं। उनमें वर्ष 2019-20 में ही सुधार के नाम पर राजस्व को चोट पहुंचाई गई है।

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केस- 1

जोन- 3 में आशापुरम मोहल्ले में सहायक नगर आयुक्त के आदेश दिनांक 27 जून0 से आईडी संख्या 7912802 में 11 लाख 87 हजार 250 रुपये माफ कर दिए गए। भूपेन्द्र सिंह के नाम से भवन पर टैक्स 1-4-14 से 31-3-2020 तक 13 लाख 32 हजार 999.86 रुपये था, लेकिन जोनल अफसर और कर्मचारियों ने इस भवन का टैक्स 2019-20 से लगा दिया और एक लाख 45 हजार 749 रुपये की वसूली की। जांच का विषय है कि यह भवन वर्ष 2014-15 से पूर्व का बना है। इसमें किरायेदार बदलते रहते हैं। भवन के ऊपरी तल पर संचार कंपनी ऐसा किरायेदार है, जो वर्ष 2016-17 से चला आ रहा है। फिर भी जोनल अफसर ने टैक्स 2019-20 से लगाया है। वर्ष 2014-15 से 2018-19 तक के टैक्स और ब्याज से स्वहित करके निगम को 11 लाख 87 हजार 250 रुपये की हानि देने में संकोच नहीं किया गया। भवन में लगे बिजली कनेक्शन व टावर के किरायेनामे की जांच करने से भवन की वास्तविक स्थिति की जानकारी की जा सकती है।

केस- 2

जोन – 3 में स्टेडियम रोड संजय नगर में आईडी संख्या 7912801 में 1 अप्रैल 2019 को बकाया आठ लाख नौ हजार 299 रुपया दर्शा रहा। मार्च 2020 में टैक्स और ब्याज मिलाकर रकम दो लाख 4 हजार 993 रुपये हो गई। यानी कुल रकम 10 लाख 14 हजार 287 रुपये होनी चाहिए। बिल संशोधन कराया गया। संशोधित कराने के बाद इस बिल में 8 लाख 70 हजार 846 रुपये कम हो गए और नया बिल 84 हजार 874 रुपये का बना। पिछला बकाया और नया बिल जमा कर दिया गया। अब यह बिल लगातार जमा हो रहा।

केस – 3

जोन 3 सिविल लाइंस स्टेशन रोड आइडी नंबर 7906664 में वित्तीय वर्ष 2020-21 के बिल में बकाया राशि 21 लाख 24 हजार 755 रुपये थी। भवन स्वामी द्वारा मार्च 21 में 10 लाख रुपया जमा कर दिया गया। शेष बकाया पर 12 फीसदी ब्याज और चालू वित्तीय वर्ष 21-22 के टैक्स की मांग राशि 15 लाख 5 हजार 92 रुपये जोड़ने पर कुल राशि 14 लाख 14 हजार 917 रुपये बनी। भवन स्वामी ने 12 मई को रसीद संख्या 2188 द्वारा 11 लाख 24 हजार 755 रुपये और 22 नवम्बर 21 को रसीद संख्या 2242 द्वारा एक लाख 55 हजार 92 रुपये जमा किए हैं। अब भी भवन पर एक लाख 35 हजार 70 रुपये का बकाया है, जबकि लेजर में अंतिम शेष 0.21 रुपये दर्शाये गये हैं। इस तरह जोन एक की लिपिक और कर अधीक्षक की रिकार्ड में हेराफेरी का निगम को हानि पहुंचाना दर्शाया गया है।

नगर निगम में टैक्स विभाग की अनियमितता पर फाइल तलब की है। फाइल देखने और कमी मिलने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। राजस्व को क्षति पहुंचाना अक्षम्य है। – निधि गुप्ता वत्स, नगर आयुक्त

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