हैती में बेहद खराब हालात, गिरोहों के हमले से बचने के लिए 315 बच्चों-वयस्कों ने स्कूल में ली शरण

हैती में बेहद खराब हालात, गिरोहों के हमले से बचने के लिए 315 बच्चों-वयस्कों ने स्कूल में ली शरण

पोर्ट-ऑ-प्रिंस। हैती की राजधानी में हाल के सप्ताह में दो विरोधी गिरोहों के बीच लड़ाई के कारण शनिवार को सैकड़ों बच्चों और वयस्कों ने एक स्कूल में शरण ली। विरोधी गिरोहों के बीच लड़ाई में कई लोगों की मौत हुई है और कई मकान ध्वस्त हो गए हैं। धार्मिक सामुदायिक समूह किजिटो के सामान्य समन्वयक …

पोर्ट-ऑ-प्रिंस। हैती की राजधानी में हाल के सप्ताह में दो विरोधी गिरोहों के बीच लड़ाई के कारण शनिवार को सैकड़ों बच्चों और वयस्कों ने एक स्कूल में शरण ली। विरोधी गिरोहों के बीच लड़ाई में कई लोगों की मौत हुई है और कई मकान ध्वस्त हो गए हैं। धार्मिक सामुदायिक समूह किजिटो के सामान्य समन्वयक फ्रांसिस्को सेरिफिन ने कहा कि 315 लोगों ने सेंट लुइस डी गोंजाग स्कूल में शरण ली है, जो कि हिंसाग्रस्त साइट सोलील के पास डेल्मास जिले में है।

गर्मी की छुट्टियों के कारण कक्षाएं बंद हैं और स्कूल की कक्षाओं को छात्रावास में बदल दिया गया है, जहां कुछ किशोर और बच्चे गैर-लाभकारी समूह से मिले छोटे-छोटे गद्दों पर सो रहे हैं। हालांकि, कुछ लोगों को बिना गद्दे के ही फर्श पर सोना पड़ रहा है। सेरिफिन ने कहा कि स्कूल में शरण लिए हुए कई बच्चों के साथ उनके माता-पिता नहीं हैं। जीन मिशेलेट (16) ने कहा, ‘‘हमें मदद की जरूरत है।’’ मिशेलेट ने कहा कि जुलाई की शुरुआत में गिरोह की लड़ाई शुरू होने के दिन वह घायल हो गया था।

उसने बताया, ‘‘जिस दिन लड़ाई शुरू हुई उस दिन मैं घर पर था। काफी गोलीबारी हुई थी। एक गोली छत से होकर गुजरी और मेरे सिर में जा लगी।’’ मिशेल ने कहा कि मुठभेड़ के दौरान कई लोग मारे गए हैं। उसने कहा, ‘‘स्थिति वाकई में बहुत खराब है।’’ राष्ट्रपति जोवेनेल मोसे की अनसुलझी हत्या के एक साल बाद हैती में गिरोह की हिंसा और भी बदतर हो गई है। गठबंधन सरकार बनाने के प्रयास धराशायी हो गया और आम चुनाव कराने के प्रयास रुक गए हैं।

एक हफ्ता पहले, संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के कार्यालय ने बताया कि अब तक साइट सोलील में लड़ाई में 99 लोगों के मारे जाने की सूचना है। संयुक्त राष्ट्र की मानवीय एजेंसियों ने कहा है कि नजदीकी इलाकों में फंसे लोगों की मदद करना उनके लिए बहुत जोखिम भरा है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के प्रवक्ता जेरेमी लारेंस ने कहा कि अधिकांश पीड़ित ‘‘सीधे तौर पर गिरोह में शामिल नहीं थे’’ लेकिन उन्हें निशाना बनाया गया। संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने कहा कि कुछ गिरोहों ने आबादी को नियंत्रण में लेने के लिए पेयजल और भोजन तक पहुंच को रोक दिया है, जिससे कुपोषण बढ़ रहा है।

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