अयोध्या: राम मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था होगी हाईटेक, समिति ने लिया फैसला

अयोध्या: राम मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था होगी हाईटेक, समिति ने लिया फैसला

अयोध्या। राम मंदिर व रामनगरी को आधुनिक बनाने की दिशा में लगातार काम चल रहा है। रविवार को यहां राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक का समापन हो गया। बैठक के दौरान रामजन्मभूमि की सुरक्षा को और पुख्ता बनाने पर मंथन हुआ। समिति ने मैन पावर कम करके सुरक्षा व्यवस्था हाईटेक करने का …

अयोध्या। राम मंदिर व रामनगरी को आधुनिक बनाने की दिशा में लगातार काम चल रहा है। रविवार को यहां राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक का समापन हो गया। बैठक के दौरान रामजन्मभूमि की सुरक्षा को और पुख्ता बनाने पर मंथन हुआ। समिति ने मैन पावर कम करके सुरक्षा व्यवस्था हाईटेक करने का निर्णय लिया है। साथ ही 2023 में रामलला को गर्भगृह में विराजमान कराने को लेकर भी चर्चा हुई।

इस दौरान यह भी तय हुआ कि मंदिर निर्माण के दौरान ही मंदिर परिसर व आसपास लगाए जाने वाले सुरक्षा उपकरणों के स्थान तय कर उन्हें समय-समय लगाने की तैयारी पूरी रखी जाए। सर्किट हाउस में बैठक की अध्यक्षता राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने की।

इस दौरान अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी व सुरक्षा सलाहकार केके शर्मा के अलावा अन्य सदस्य मौजूद रहे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया कि मंदिर निर्माण कार्य की प्रगति अवधि के अनुरूप चल रही है। प्लिंथ के निर्माण में ग्रेनाइट स्टोन लग रहा है। इसके लिए बंसी पहाड़पुर के 17 हजार ग्रेनाइट स्टोन अयोध्या आ चुके हैं। प्लिंथ में ही इन्हें लगाया जाना है।

उन्होंने बताया कि पहली लेयर का काम चल रहा है। प्रतिदिन 20 से 25 पत्थरों को लगाया जा रहा है। आने वाले समय में कैसे 80 से 100 पत्थर लगाए जाएं। इस पर मंथन हो रहा है। कोशिश है कि 2023 तक गर्भ गृह में रामलला को स्थापित कर श्रद्धालुओं को दर्शन कराया जाए। मिश्र ने बताया कि बैठक के दौरान प्लिंथ के निर्माण कार्य में रिटेनिंग वॉल के कार्य पर भी विस्तृत चर्चा हुई। जून के बाद गर्भ गृह में बंसी पहाड़पुर के पत्थर लगने की उम्मीद है। इस दौरान यह भी चर्चा हुई कि राम मंदिर की सुरक्षा को और भी कैसा पुख्ता बनाया जाए। मैन पावर कम किया जाएगा। पूरी सुरक्षा व्यवस्था हाईटेक की जाएगी। बैठक के दौरान एलएनटी टाटा कंसल्टेंसी के एक्सपर्ट भी मौजूद रहे।

दो और मशीनें लगाने पर हुआ विचार

बैठक में यह भी तय किया गया कि मंदिर निर्माण के बाद भी उसकी सुरक्षा को बड़े से बड़े खतरों से सुरक्षित रखने में किसी भी प्रकार की चूक न होने पाए, इसके लिए आधुनिक सुरक्षा विशेषज्ञों से भी परामर्श करने पर राय बनी है। प्लिंथ निर्माण व पत्थरों की आपूर्ति में तेजी लाने के साथ 20 फिट ऊंची प्लिंथ के निर्माण में तेजी के लिए दो और मशीनें लागने पर विचार हुआ है।

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