टोक्यो ओलंपिक में मिसाल कायम करने के इरादे से उतरेगा ये खिलाड़ी, 46 साल की उम्र में…

टोक्यो। बालों में परिपक्वता की सफेदी और चेहरे पर तजुर्बे की हल्की हल्की झुर्रियां लिये डल्लास उबरहोल्जर ओलंपिक की स्केटबोर्डिंग स्पर्धा में अपने से आधी उम्र के प्रतियोगियों के खिलाफ उतरेंगे तो उनका लक्ष्य पदक जीतना नहीं बल्कि ओलंपिक के इस अनुभव को जीना होगा। युवा खिलाड़ियों से भरे इस खेल में जहां बड़े बड़े …
टोक्यो। बालों में परिपक्वता की सफेदी और चेहरे पर तजुर्बे की हल्की हल्की झुर्रियां लिये डल्लास उबरहोल्जर ओलंपिक की स्केटबोर्डिंग स्पर्धा में अपने से आधी उम्र के प्रतियोगियों के खिलाफ उतरेंगे तो उनका लक्ष्य पदक जीतना नहीं बल्कि ओलंपिक के इस अनुभव को जीना होगा। युवा खिलाड़ियों से भरे इस खेल में जहां बड़े बड़े प्रायोजकों के साथ उतरे खिलाड़ियों के इंस्टाग्राम पर लाखों फॉलोअर हैं, वहीं दक्षिण अफ्रीका के डल्लास खानाबदोशों की तरह जीते आये हैं।
महिला वर्ग में कुछ दिन पहले ही 13 बरस की दो बच्चियों ने स्वर्ण और रजत पदक जीते थे। वह कन्सर्ट में ड्राइवर के रूप में काम कर चुके हैं जहां उनका काम नर्तकों को लाना छोड़ना होता था। इसके अलावा वह कनाडा से अर्जेंटीना तक कार से चले गए। खुद को वह अनुभवों का पिटारा बताते हैं। उन्होंने कहा ,” मैं जानता हूं कि मैं यहां पदक नहीं जीतूंगा लेकिन मैं अपनी उम्र के लोगों के लिये मिसाल बनना चाहता हूं।”
अफ्रीका में डल्लास बच्चों को नशे और अपराध से दूर रखने के लिये स्केटबोर्डिंग के गुर सिखाते हैं। उन्होंने ‘द इंडिगो यूथ मूवमेंट’ शुरू किया है जिसके तहत कई स्केट पार्क और रैंप बनवाये हैं। उनकी मां हालांकि सबसे ज्यादा प्रभावित उनके ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने से हुई। उन्होंने कहा ,” आखिर मैं अपनी मां को प्रभावित कर सका। पूरी जिंदगी में पहली बार उन्हें लगा कि मैने कुछ ढंग का काम किया है। मेरे लिये यही सबसे बड़ी तसल्ली की बात है।”