बरेली: शिक्षकों और छात्रों का वरीयता के आधार पर हो वैक्सीनेशन- कुलपति

अमृत विचार, बरेली। कोरोना के मामले घटने के बाद शिक्षण संस्थानों में कर्मचारियों का आवागमन शुरू हो गया है। आने वाले दिनों में शिक्षण संस्थानों में कर्मचारियों के साथ शिक्षकों व छात्रों का भी आवागमन शुरू होगा, क्योंकि भविष्य में परीक्षाएं भी आयोजित होंगी। आगामी सत्र की भी तैयारियां होंगी। सभी को कोरोना से बचाने …

अमृत विचार, बरेली। कोरोना के मामले घटने के बाद शिक्षण संस्थानों में कर्मचारियों का आवागमन शुरू हो गया है। आने वाले दिनों में शिक्षण संस्थानों में कर्मचारियों के साथ शिक्षकों व छात्रों का भी आवागमन शुरू होगा, क्योंकि भविष्य में परीक्षाएं भी आयोजित होंगी। आगामी सत्र की भी तैयारियां होंगी। सभी को कोरोना से बचाने के लिए उनका वरीयता के आधार पर टीकाकरण होना चाहिए।

इस संबंध में एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केपी सिंह ने बरेली और मुरादाबाद के मंडलायुक्त के अलावा उन सभी जिलों के डीएम को पत्र लिखा है, जिन जिलों में विश्वविद्यालय के कॉलेज हैं। उन्होंने मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों से मांग की है कि सभी का जल्द से जल्द वैक्सीनेशन कराया जाए।

कोरोना की वजह से एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय परिसर के अलावा संबद्ध सभी महाविद्यालय बंद चल रहे हैं। विश्वविद्यालय के द्वारा 1 मई से 31 मई तक ग्रीष्मकालीन अवकाश भी घोषित किया गया था। शासन के निर्देश पर 20 मई से ऑनलाइन कक्षाएं भी संचालित होनी शुरू हो गई हैं। इसके अलावा 50 फीसदी क्षमता के आधार पर कर्मचारियों को भी बुलाया जा रहा है।

कुलपति ने लिखा है कि तीसरी लहर की आशंका जाहिर की जा रही है। कोरोना महामारी से कई शिक्षक, कर्मचारी व उनके परिवार संक्रमित हुए हैं और कई ने जान गंवाई है। विश्वविद्यालय के शैक्षिक व शोध कैलेंडर पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं। परीक्षाओं का मूल्यांकन भी अस्त-व्यस्त हो गया है। आने वाले दिनों में हालात बेहतर होने पर शिक्षकों व कर्मचारियों को भी विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों में बुलाया जाएगा, क्योंकि परीक्षा की तैयारियां शुरू हो जाएंगी। इसके अलावा भी शिक्षा से जुड़े कई कार्य शुरू हो जाएंगे। इसकी वजह से छात्रों का भी आवागमन शुरू होगा। शिक्षा के साथ सभी का कोरोना से बचाव भी जरूरी है।

इसके लिए कोविड नियमों का पालन करने के साथ वैक्सीनेशन भी जरूरी है। अभी कई शिक्षक, कर्मचारी व छात्र हैं, जिन्हें कोविड का टीका नहीं लगा है। इसके चलते कुलपति ने मंडल और जिला के अधिकारियों को शिक्षक, कर्मचारियों व छात्रों के टीकाकरण प्राथमिकता के आधार पर कराने के लिए पत्र लिखा है।

अभी पसरा है सन्नाटा
कोरोना का डर अभी भी शिक्षकों और कर्मचारियों में बैठा है। यही वजह है कि काफी कम संख्या में ही कर्मचारी शिक्षण संस्थानों में पहुंच रहे हैं। विश्वविद्यालय परिसर में भी सन्नाटा पसरा रहता है। कुलपति प्रो. केपी सिंह व अन्य अधिकारी भी अब विश्वविद्यालय में पहुंचने लगे हैं, ताकि कर्मचारियों के मन से डर निकले। बरेली कॉलेज में भी आम दिनों में काफी हलचल रहती थी लेकिन अभी सन्नाटा पसरा रहता था। 31 मई तक इसी तरह के हालात दिखेंगे, क्योंकि अभी शिक्षकों को नहीं बुलाया जा रहा है। जून माह में शासन के नए दिशा निर्देश आ सकते हैं, उसके बाद ही कुछ चहल पहल बढ़ेगी।