मुरादाबाद: कोहरे में सड़कों पर दौड़ रहे ओवरलोड वाहन, जिम्मेदारों की लापरवाही न बन जाए हादसों का कारण

मुरादाबाद, अमृत विचार। दिसंबर के तीसरे सप्ताह में सर्दी के साथ ही कोहरे का प्रकोप बढ़ रहा है। इससे जहां आमजन के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। वहीं महानगर की सड़कों पर अनेक बिना रिफ्लेक्टर लगे ट्रैक्टर-ट्राली लोडिंग वाहन, ई-रिक्शा में क्षमता से अधिक सामान सहित डग्गामार वाहन दौड़ रहे हैं। इन्हें न …
मुरादाबाद, अमृत विचार। दिसंबर के तीसरे सप्ताह में सर्दी के साथ ही कोहरे का प्रकोप बढ़ रहा है। इससे जहां आमजन के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। वहीं महानगर की सड़कों पर अनेक बिना रिफ्लेक्टर लगे ट्रैक्टर-ट्राली लोडिंग वाहन, ई-रिक्शा में क्षमता से अधिक सामान सहित डग्गामार वाहन दौड़ रहे हैं। इन्हें न ही आमजन की सुरक्षा का ध्यान है और न ही किसी अनहोनी का भय। ऊपर से इन बेलगाम वाहनों पर जिम्मेदारों की लापरवाही हादसों का कारण बन रही है। सड़क सुरक्षा सप्ताह भी केवल कागजों तक ही सिमटकर रह गया है।
सर्दी के शुरू होते ही यातायात के साधनों पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है। मौसम में बदलाव के साथ ही सड़क पर गाड़ियों को दौड़ाना बेहद मुश्किल होता है। साफ मौसम में गाड़ी चालक आराम से तेज रफ्तार वाहन को चला लेते हैं वहीं मौसम में बदलावों के कारण वाहन चलाना किसी मुसीबत से कम नहीं होता। बदलते मौसम के कारण सुबह शाम भीषण कोहरा पड़ रहा है। जिसके चलते 20 मीटर दूर तक भी साफ दिखाई देना बंद हो जाता है। ऐसे मौसम में सड़क पर चलने वाले वाहन चालकों को हर पल सावधानी बरतनी पड़ रही है।
महानगर की सड़कों पर बिना रिफ्लेक्टर लगाए, बिना किसी संकेतक के अनेक भारी वाहन बिना किसी रोक टोक के दौड़ रहे हैं। इससे वाहन चालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वाहनों पर रिफ्लेक्टर का ना लगा होना जहां असावधानी का परिचायक है। वहीं इस कारण अनेक भीषण हादसे होते हैं जिनमें जान और माल दोनों तरह की क्षति होने की पूरी संभावना रहती है। समय रहते बेलगाम वाहनों ने सतर्कता के रूप में फॉग लाइटें रिफ्लेक्टर नहीं लगवाए तो आने वाले दिनों में बड़ी गंभीर समस्या हो सकती है।
कोहरे के कारण होते हैं भीषण हादसे
अगर किसी वाहन चालक के पास चेकिंग के दौरान एक भी कागज कम मिलता है तो उसका चालान कर दिया जाता है लेकिन बैगर रिफ्लेक्टर फाग लाइटों के अनेक लोड़िंग वाहन बेखौफ सड़कों पर हादसों को निमंत्रण देने को दौड़ रहे हैं। ऐसे वाहनों और उनके चालकों पर किसी प्रकार को कोई शिकंजा नहीं कसा जा रहा। रिफ्लेक्टर लगे होने से पीछे से रहे वाहन परेशानी उठानी पड़ती है। वाहन पर अगर रिफ्लेक्टर या रेडियम पट्टी लगी होती है तो जरा सी रोशनी पड़ने पर वो चमक उठते हैं और पीछे से रहा वाहन चालक भी सतर्क हो जाता है। थोड़ी सी सतर्कता बरतने से वाहनों के बीच होने वाले हादसों पर काफी हद तक रोक लगाई जा सकती है।
कागजों तक सिमटा सड़क सुरक्षा सप्ताह
नवंबर माह में यातायात विभाग के साथ ही संभागीय परिवहन विभाग की ओर से सड़क सुरक्षा सप्ताह चलाया गया। इस दौरान लोगों को महज यातायात नियमों के प्रति जागरुक करने के साथ ही कुछ वाहनों के चालान किए गए। इसके साथ ही भाषण व लेखन प्रतियोगिताओं का आयोजन कर खानापूर्ति की गई। लेकिन, कोहरे के कारण हो रहे हादसों पर लगाम लगाने के लिए विभागीय स्तर से कोई अथक प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। जिसके चलते आए दिन हो रहे हादसों में लोगों की जान जा रही है।