पद्मश्री राम सहाय पांडे का निधन, बुंदेलखंड के प्रसिद्ध राई डांस को विश्वभर में दिलाई थी अलग पहचान

सागर। मध्यप्रदेश के सागर जिला मुख्यालय निवासी पद्मश्री श्री राम सहाय पांडे का आज एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान निधन हो गया। वे लगभग 90 वर्ष के थे। बुंदेलखंड की फेमस राई नृत्य में योगदान के चलते साल 2022 में उन्हें पद्मश्री सम्मान दिया गया था। रामसहाय पांडे ने दुनिया के कई देशों में राई नृत्य की प्रस्तुतियां दी थी।
पारिवारिक सूत्रों के अनुसार वयोवृद्ध श्री पांडे को कल ही शिवाजी वार्ड स्थित एक निजी अस्पताल मे उपचार के लिए भर्ती कराया गया था। कल देर शाम ही सीएमएचओ डॉक्टर ममता तिमोरी ने अस्पताल पहुंचकर रामसहाय पांडे के स्वास्थ्य के संबंध में डॉक्टर से चर्चा की एवं परिजनों से भी चर्चा की। आज सुबह उनका निधन हो गया। अंतिम संस्कार आज दोपहर कनेरादेव मे किया जाएगा। वर्ष 2022 में श्री पांडे को बुंदेलखंड के लोक नृत्य को देश और दुनिया में ले जाने पर पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
कौन थे रामसहाय पांडे
रामसहाय पांडे का जन्म 11 मार्च 1933 को सागर जिले के मड़धर पाठा गांव में हुआ था। उनके पिता किसान थे और पांडे चार भाइयों में सबसे छोटे थे। पांडे ने पहली बार 14 साल की उम्र में एक मेले में राई नृत्य देखा था। बाद में उन्होंने इसका अभ्यास करना शुरू कर दिया। उन्होंने तभी शादी की जब उनके परिवार ने महिला के परिवार को आश्वासन दिया कि वे नृत्य छोड़ देंगे और आजीविका के तौर पर खेती करेंगे। लेकिन वे इस पर सहमत नहीं हुए।
पिता की मृत्यु के बाद उनके भाई ने उन्हें राई नृत्य का अभ्यास करने के लिए घर से निकाल दिया। उन्होंने कहा था कि, "मैं इस नृत्य का अभ्यास करने के लिए अपने परिवार के साथ-साथ ब्राह्मण समुदाय से भी लड़ रहा था। मैं उन्हें समझाता था कि यह एक कला है और कुछ नहीं, लेकिन उन्होंने मुझे बहिष्कृत कर दिया। लेकिन इससे मुझे इसे चरम पर ले जाने की प्रेरणा मिली।"
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