बदायूं में 12 भवनों में चल रहे 25 स्कूल, कक्षाओं की हालत गंभीर
बदायूं, अमृत विचार: निजी स्कूलों की तर्ज पर परिषदीय स्कूलों को संचालित किए जाने के दावे शहर में फेल दिख रहे हैं। एक बिल्डिंग में चार से पांच विद्यालय संचालित हैं। इसमें कक्षा एक से लेकर आठ तक पढ़ाई हो रही है। ऐसी स्थिति होने पर शिक्षा विभाग के अधिकारी कोई पहल नहीं कर रहे है।
शहर में मथुरिया चौराहे के पास कन्या उच्च प्राथमिक विद्यालय की बिल्डिंग में शहरी क्षेत्र के पांच जगहों के विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इस स्कूल की बिल्डिंग में संविलियन विद्यालय सोथा नंबर दो, प्राथमिक विद्यालय कबूलपुरा नंबर एक, प्राथमिक विद्यालय कबूलपुरा नंबर दो, प्राथमिक विद्यालय फरशोली टोला संचालित है। वहीं शहर के चौधरी सराय स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय की बिल्डिंग में प्राथमिक विद्यालय खंडसारी एक, प्राथमिक विद्यालय खडसारी दो चल रहा है।
शहर के प्राथमिक विद्यालय नहार खां सराय की बिल्डिंग में प्राथमिक विद्यालय ऊपर पारा, प्राथमिक विद्यालय लालपुल, प्राथमिक विद्यालय नहार खां सराय द्वितीय का संचालन हो रहा है। इसके अलावा प्राथमिक विद्यालय शहबाजपुर एक में प्राथमिक विद्यालय द्वितीय भी संचालित हो रहा है। यही हाल कारमेकलगंज का है।
बिल्डिंग खाली कराने का मामला न्यायालय में विचाराधीन
15 साल पूर्व शहर में 45 परिषदीय स्कूल संचालित थे। अधिकांश स्कूल किराए के भवन में चल रहे थे। बच्चों की संख्या कम होने पर वर्ष 2012 के दौरान 15 स्कूलों को मर्ज कर दिया गया। संख्या घटकर 30 हो गई फिर वर्ष 2014 के दौरान पांच स्कूल मर्ज किए गए। एक दूसरे में मर्ज होने पर स्कूलों की संख्या 25 तक पहुंच गई। जो स्कूल बचे थे उनमें से अधिकांश किराए के जर्जर भवन में संचालित थे।
वर्ष 2021 के दौरान तत्कालीन बीएसए ने कर्मचारियों की मदद से किराए के भवन में संचालित स्कूलों को खाली करा दिया। किराए की बिल्डिंग खाली होने पर स्कूलों का संचालन परिषदीय स्कूलों की बिल्डिंग में किया जाने लगा। बिल्डिंग खाली होने पर काफी हल्ला मचा था। इस प्रकरण में तत्कालीन नगर क्षेत्र अधिकारी पर भी कार्रवाई हुई थी। बिल्डिंग खाली किए जाने का मामला अब भी न्यायालय में विचाराधीन है।
पूर्व के अधिकारी के समय बिल्डिंग को खाली किया गया था। मामला न्यायालय में विचाराधीन है। शहर में भूमि नहीं मिल पा रही है। भूमि न मिलने के अभाव में स्कूलों का एक ही बिल्डिंग में संचालन कराना पड़ रहा है। डीएम के माध्यम से भूमि उपलब्ध कराने की मांग की जाएगी। जिससे स्कूलों की बिल्डिंग बन सके- वीरेंद्र कुमार सिंह, बीएसए
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