Lucknow University: कार्य परिषद की वैधता को शिक्षक ने दी चुनौती, राज्यपाल और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर की शिकायत

Lucknow University: कार्य परिषद की वैधता को शिक्षक ने दी चुनौती, राज्यपाल और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर की शिकायत

लखनऊ, अमृत विचार: लखनऊ विश्वविद्यालय की कार्य परिषद के गठन का विरोध करते हुए अरबी विभाग के शिक्षक ने कुलाधिपति और मुख्यमंत्री को शिकायत किया है। अरबी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर व विभागाध्यक्ष डॉ. एए इस्लाही ने आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय की कार्य परिषद का गठन नियमों के खिलाफ किया गया है और कुलपति मनमाने फैसले ले रहे हैं। इससे पूर्व लखनऊ यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ. अरशद जाफरी ने भी कार्य परिषद को लेकर सवाल उठाया था। राज्यपाल को भेजे गए पत्र में वर्तमान कार्य परिषद को भंग कर नियमों के अनुसार कार्य परिषद का गठन करने की मांग की गई है।

अरबी विभाग के डॉ. इस्लाही ने विश्वविद्यालय कार्य परिषद की वैधानिकता को चुनौती देते हुए कहा है कि विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 और विश्वविद्यालय की प्रथम नियमावली के अनुसार विश्वविद्यालय सभा द्वारा कार्य परिषद के चार सदस्य चुने जाते हैं। सदस्यों का चुनाव न होने से यह चार सदस्य पिछले 5 साल से कार्य परिषद में नहीं है। परिषद के सदस्यों का चुनाव जानबूझकर नहीं करवाया जा रहा है जिससे कार्य परिषद में कुलपति अपनी मनमानी कर सकें। अधिनियन 1973 के अनुसार 2 वरिष्ठ संकाय अध्यक्ष अनुक्रम में कार्य परिषद के सदस्य होते है। वर्तमान की नियुक्ति कुलपति द्वारा संस्थान में वैकल्पिक डीन के रूप में की गई है, ना कि वरिष्ठता के आधार पर ऐसे में उनको कार्य परिषद में नियुक्त किया जाना नियम विरुद्ध है। इसी प्रकार आरोप लगाते हुए मांग की गई है कि कार्यपरिषद के निर्णय को शून्य घोषित किया जाए।

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