CT 2025 Final : हार्दिक पांड्या बोले-अगर चुनौतियां कठिन हैं तो डटकर सामना करो...नई भूमिका में सफलता के बाद केएल राहुल ने कही ये बात

दुबई। हार्दिक पांड्या को जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में चैंपियंस ट्रॉफी में नई गेंद से गेंदबाजी की जिम्मेदारी संभालनी पड़ी और इस ऑलराउंडर ने कहा कि उनकी संघर्ष करने की स्वाभाविक क्षमताओं ने उन्हें नई भूमिका में ढलने में मदद की। हालांकि टूर्नामेंट में पांड्या पर अधिक भार नहीं रहा क्योंकि भारत ने मुख्य रूप से चार स्पिनरों के साथ गेंदबाजी की। पांड्या ने पांच मैच में सिर्फ 24.3 ओवर गेंदबाजी की और चार विकेट लिए। पांड्या ने भारत की खिताबी जीत के बाद मिक्स्ड जोन में कहा, गेंदबाजी अपना काम खुद करती है। यह साल सीखने और चुनौतियों से भरा रहा। मेरी मानसिकता ने मुझे कभी चुनौतियों से भागना नहीं सिखाया। मेरा हमेशा से मानना रहा है कि अगर चुनौतियां कठिन हैं तो इसका डटकर सामना करो।
उन्होंने कहा, अगर आप मैदान नहीं छोड़ते हैं, तो आपके पास मौका होता है। पांड्या ने कहा कि वह बेहतरीन प्रदर्शन करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने कहा, मुझे हमेशा खुद पर भरोसा रहा है कि मैं यह कर सकता हूं। और साथ ही पर्दे के पीछे की गई कड़ी मेहनत रंग लाती है। मेरा हमेशा मानना है कि आप जिस तरह से तैयारी करते हैं, आप उसे खेल में भी दिखा पाएंगे। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद की इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में जीत ने पांड्या को 2017 के टूर्नामेंट में पाकिस्तान से भारत की हार की कड़वी यादों को मिटाने में भी मदद की जिसका वह भी हिस्सा थे। पांड्या ने कहा, मैं कह सकता हूं कि आज एक अधूरा सपना पूरा हो गया। लेकिन आठ साल बहुत लंबा समय होता है। आठ साल में जीवन में बहुत कुछ हुआ। लेकिन साथ ही जीतना, और वह भी भारत के लिए, मेरे लिए यह बहुत-बहुत महत्वपूर्ण है।
इसके लिए काफी तैयारी की जरूरत थी-राहुल
केएल राहुल सफलतापूर्वक छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने के बाद खुश हैं और उन्होंने इसे अपनी अथक 'तैयारी' और अपने खेल में लगातार सुधार का नतीजा बताया। आमतौर पर पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले राहुल को चैंपियन्स ट्रॉफी में एक स्थान नीचे खिसका दिया गया और उन्होंने यहां चार पारियों में 140 रन बनाए। रविवार को चैंपियन्स ट्रॉफी में भारत की खिताबी जीत के बाद राहुल ने कहा, यह मेरे लिए वाकई सुखद है। मैं अलग-अलग भूमिकाओं में जो काम कर रहा हूं उसके लिए काफी तैयारी की जरूरत होती है। क्रिकेट के मैदान से बाहर काम, यह सोचना कि मुझे प्रत्येक मैच को कैसे लेना है और विभिन्न परिस्थितियों में कैसे प्रदर्शन करना है, पांचवें और छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले कुछ खिलाड़ियों को देखना और देखना कि वे कैसे सफल रहे हैं।’’
मुझे मेरे कोच ने बहुत कम उम्र से सिखाया है कि क्रिकेट एक टीम खेल है-राहुल
राहुल ने कहा कि वह टीम के लिए यह नयी जिम्मेदारी लेकर खुश हैं। उन्होंने कहा, मुझे मेरे कोच ने बहुत कम उम्र से सिखाया है कि क्रिकेट एक टीम खेल है और टीम को आपसे जो भी चाहिए आपको उसे स्वीकार करने और टीम के लिए प्रदर्शन करने का तरीका खोजने की जरूरत है। आपको यह समझने में सक्षम होना चाहिए कि आपकी भूमिका क्या है, जिम्मेदारी क्या है, यह समझें कि विभिन्न क्रम पर सफल बल्लेबाजी करने के लिए क्या करना पड़ता है। राहुल ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल और न्यूजीलैंड के खिलाफ फाइनल में स्थिति के अनुकूल खुद को ढाल लिया और छोटी लेकिन महत्वपूर्ण पारियां खेलीं। बेंगलुरू के इस खिलाड़ी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नाबाद 42 रन बनाए जबकि उनकी नाबाद 32 रन की पारी की बदौलत भारत ने न्यूजीलैंड के खिलाफ कड़े लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा किया। कुल मिलाकर राहुल ने सिर्फ 140 रन बनाए लेकिन उन्होंने 98 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए जो दर्शाता है कि उन रनों का मैच पर कितना प्रभाव पड़ा।
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