बदायूं : राष्ट्रीय लोक अदालत में 42783 वादों का हुआ निस्तारण
शनिवार को आयोजित हुई राष्ट्रीय लोक अदालत, तीन दिव्यांगों को वितरित हुई ट्राईसाइकिल

बदायूं, अमृत विचार। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जनपद न्यायाधीश व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष मनोज कुमार तृतीय ने आरंभ किया। कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत को राष्ट्रीय लोक कल्याणकारी दिवस के रूप में आयोजित किया जाना चाहिए। तीन दिव्यांगों को तीन ट्राईसाइकिल वितरित की। राष्ट्रीय लोक अदालत में 42 हजार 783 वादों का निस्तारण हुआ। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 2006 मामलों का निस्तारण किया।
मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण की पीठासीन अधिकारी मचला अग्रवाल ने 45 याचिकाओं का निस्तारण कराते हुए पीड़ितों को 3 करोड़ 61 हजार रुपये बतौर क्षतिपूर्ति दिलाए। उपभोक्ता फोरम द्वारा 4 में से 2 वादों का निस्तारण कराते हुए 18 लाख 26 हजार 213 रुपये क्षतिपूर्ति दिलाए। राष्ट्रीय लोक अदालत में प्री-लिटिगेशन से संबंधित वादों में विभिन्न बैंकों के 1016 मामले, भारत संचार निगम लि. के 17, राजस्व संबंधित 376, स्थानीय निकाय के 812 और अन्य प्रकार के 40562 मामले थे। इस प्रकार कुल 35744 प्री-लिटिगेशन मामलों का एवं न्यायालयों में लम्बित फौजदारी एवं सिविल वादों में 7039 वादों का निस्तारण हुआ। प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय और अपर प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय ने अपने न्यायालयों में आपसी समझौते के आधार पर 114 पारिवारिक विवादों का निस्तारण किया गया। जनपद न्यायाधीश ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत एक पर्व है। जहां पक्षकार अपने-अपने हितों के अनुरूप आपसी समझौते के आधार पर सस्ता और सुलभ न्याय प्राप्त कर सकते है। आम जन अपने बैंक विवादों को आपसी समझौते के आधार पर निस्तारित करा सकते हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शिव कुमारी ने कहा कि आमजन न्यायालय में लंबित विवादों जैसे आपराधिक शमनीय वाद, एनआई एक्ट अंतर्गत धारा 138 मोटर दुर्घटना संबंधित वाद, वैवाहिक/पारिवारिक विवाद श्रम संबंधी वाद, भूमि अधिग्रहण सम्बन्धी याद किरायेदारी, ट्रैफिक चालान, राजस्व वाद, विद्युत बिल आदि का निस्तारण राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से करवा सकते हैं।
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