अब मरीजों को जांच के लिए भटकना नहीं पड़ेगा; कानपुर के GSVM मेडिकल कॉलेज में डायग्नोस्टिक हब को मिली मंजूरी: शासन ने जारी की धनराशि

अब मरीजों को जांच के लिए भटकना नहीं पड़ेगा; कानपुर के GSVM मेडिकल कॉलेज में डायग्नोस्टिक हब को मिली मंजूरी: शासन ने जारी की धनराशि

कानपुर, अमृत विचार। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में अब जांच कराने के लिए मरीजों को एक बिल्डिंग से दूसरी बिल्डिंग में नहीं भटकना पड़ेगा। जल्द ही सभी प्रकार की जांच हैलट परिसर में इमरजेंसी के सामने बिल्डिंग में होंगी। इसके लिए हैलट अस्पताल का पुराना रैन बसेरा तोड़ा जाएगा और उसकी जगह पर प्रदेश के पहले डायग्नोस्टिक हब का निर्माण होगा, जिसके लिए शासन ने मंजूरी दे दी है और 7.22 करोड़ रुपये बजट भी जारी कर दिया गया है। 
 
हैलट अस्पताल में अभी ओपीडी या इमरजेंसी से जांच कराने के लिए मरीज या उनके सैंपल को ब्लड जांच के लिए पैथोलॉजी भेजा जाता है। इसके बाद एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन व एमआरआई कराने के लिए मरीजों को एक से दूसरी बिल्डिंग जाना पड़ता है।  जांचों का सरकारी बिल जमा करने के लिए अन्य कक्ष की ओर दौड़ लगानी पड़ती है। लेकिन जब हैलट इमरजेंसी के सामने डायग्नोस्टिक हब का निर्माण हो जाएगा तो मरीजों की सभी प्रकार की जांच एक ही छत के नीचे होंगी।
 
यह डायग्नोस्टिक सेंटर तीन मंजिला होगा। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो.संजय काला ने बताया कि यह प्रदेश का पहला डायग्नोस्टिक सेंटर होगा, जहां एक ही छत के नीचे सभी जांचों की सुविधा मिलेगी। यह लैब हैलट इमरजेंसी के सामने बनाई जाएगी, जहां वर्तमान में रैन बसेरा बना है।
 
उसका ध्वस्तीकरण कराकर निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। निर्माण के लिए शासन से सात करोड़ 22 लाख रुपये स्वीकृत हो गए है। डायग्नोस्टिक हब का निर्माण 31 मार्च 2027 तक पूरा होना है। इस संबंध में पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मध्य समझौता हुआ है। 
 
इन जांचों की भी मिलेगी सुविधा 
 
हैलट अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में जो जांचें अभी हो रही है, वो सभी जांचें निर्माण के बाद डायग्नोस्टिक लैब हब में होगी। इसके अलावा हर्मोनल एनेलेसिस, कैंसर मारकर, एफएनएसी जांच, रीनल जांच, टिशू मारकर, वेन बयोप्सी समेत आदि जांचों की भी सुविधा बढ़ेगी। जांच के बाद रिपोर्ट लेने सेंटर नहीं आना होगा और मोबाइल पर ही रिपोर्ट पहुंचेगी।  
 
यह मिलेगी सुविधा 
 
- बेसमेंट में मिलेगी रेडियोलॉजी की सुविधा 
- ग्राउंड फ्लोर पर होगी सैंपल कलेक्शन कक्ष 
- प्रथम तल में होगी जांच आदि की सुविधा 
- द्वितीय तल में लैब टेक्नीशियनों का प्रशिक्षण