पीलीभीत: पांच क्रय एजेंसियों के कम पंजीकरण पर डीएम नाराज, दिए सख्त निर्देश
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पीलीभीत, अमृत विचार। डीएम की अध्यक्षता में रबी विपणन वर्ष 2025-26 के अंतर्गत होने वाली गेहूं खरीद की तैयारियों एवं इसको लेकर किसानों के होने वाले पंजीकरण के संबंध में बैठक हुई। जिसमें डीएम ने गेहूं पंजीकरण के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करने एवं मिलर्स, गेहूं स्टॉकिस्ट और फ्लोर मिल पर नियमित रूप से अवैध स्टॉक की जांच करने के निर्देश दिए। वहीं गेहूं खरीद में बिचौलियों के प्रवेश मिलने पर संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई करने की चेतावनी दी।
गांधी सभागार में डीएम संजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी ने बताया कि जनपद में अब तक 138 गेहूं क्रय केंद्र खोले जा चुके हैं। वहीं 13578 किसानों के पंजीकरण किए जा चुके हैं। किसानों के पंजीकरण का तहसील में सत्यापन भी शुरू हो गया है। सहायक आयुक्त एवं सहायक निबन्धक (सहकारिता) ने सहकारिता के गेहूं क्रय केंद्रों की तैयारियों के बारे में बताया।
डीएम ने मंडी सचिवों को निर्देश दिए कि गेहूं स्टाकिस्ट तथा फ्लोर मिलर्स पर नियमित रूप से गेहूं के अवैध स्टाक की जांच की जाए। भविष्य में यदि किसी भी दशा में किसानों के गेहूं की डिस्ट्रेस सेल होती है या अवैध भंडारण पाया जाता है तो सभी संबंधित अधिकारियों का भी उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाएगा।
सर्वाधिक कम पंजीकरण करने वाले यूपीएसएस, पीसीयू, पीसीएफ, नैफेड व एनसीसीएफ के जिला प्रबंधकों की कार्य प्रणाली पर डीएम ने नाराजगी जताते हुए एक सप्ताह में प्रति केंद्र कम से कम 300 किसानों के पंजीकरण प्रत्येक केंद्र प्रभारी के लॉगिन से सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। गेहूं खरीद में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए बिचौलियों/मिडिल मैन का प्रवेश किसी भी दशा में नहीं होना चाहिए।
बैठक में एडीएम वित्त ऋतु पूनिया, सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक (सहकारिता) प्रदीप कुमार, जिला कृषि अधिकारी नरेंद्र पाल,जिला खा एवं विपणन अधिकारी विजय कुमार शुक्ल समेत सभी मंडी सचिव आदि मौजूद रहे।
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