मिलिए देवेश पाल से, इन्होंने मजबूत इच्छा शक्ति से कैंसर को हराया

नरेंद्र देव सिंह, हल्द्वानी
अमृत विचार: किसी इंसान में इच्छाशक्ति भरपूर और मजबूत हो तो फिर किसी भी आपदा से निपटा जा सकता है। यह साबित किया है देवेश पाल ने। बैंकिंग सेक्टर में कार्यरत देवेश ने पैर में परेशानी होने के बाद एक-एक कर डॉक्टरों से संपर्क करना शुरू किया तो पता चला कि उन्हें कैंसर ने घेर लिया है लेकिन उन्होंने धैर्य नहीं खोया। वह बरेली के रूहेलखंड कैंसर इंस्टीट्यूट पहुंचे। जहां इच्छा शक्ति को बेहद मजबूत रखते हुए उन्हें बेहतर उपचार के साथ नया जीवन मिला और आज वे कैंसर को हरा चुके हैं।
आज विश्व कैंसर दिवस है। कैंसर ऐसी बीमारी है जिसका नाम सुनकर ही लोग डर जाते हैं। कैंसर ने कई लोगों की जान ली है लेकिन अब कैंसर के उपचार में मेडिकल साइंस काफी तरक्की कर रही है। कैंसर से ठीक हुए मरीज का कहना है कि कैंसर के उपचार में सबसे ज्यादा जरूरी है कि आप अपने अंदर इच्छाशक्ति भरपूर रखें। अगर आप मानसिक तौर पर मजबूत रहेंगे तो रिकवर होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।
मूल रूप से बरेली और वर्तमान में हल्द्वानी में धान मिल के पास निवास कर रहे 28 वर्षीय देवेश पाल कैंसर से ठीक हुए मरीज हैं। वह एक प्राइवेट बैंक में शाखा प्रबंधक के तौर पर काम करते हैं। उन्होंने बताया कि साल 2022 में अचानक उनके सीधे पैर में दिक्कत हुई। पैर सूजने सा लगा। इधर-उधर काफी उपचार कराया लेकिन फायदा नहीं हुआ। बाद में बरेली में रूहेलखंड कैंसर इंस्टीट्यूट पहुंचे। यहां उन्होंने जांच कराई तो पता चला कि उन्हें कैंसर है। देवेश पाल के अनुसार, उसके बाद उनका उपचार शुरू हुआ। कीमोथैरेपी हुईं, दवाएं चलीं। परिवार ने पूरा सहयोग दिया। कभी भी इच्छाशक्ति कम नहीं होने दी। प्रभु में विश्वास रखा। डॉक्टरों और रूहेलखंड अस्पताल ने कैंसर से लड़ने में पूरा सहयोग दिया और बाद में कैंसर से ठीक हो गए।
आज मैं अच्छे से जी रहा जीवन: देवेश
देवेश पाल बताते हैं कि आज वह अपना जीवन अच्छे से जी रहे हैं। उनकी पत्नी और एक बेटी है। समाज को अपने संदेश में उनका कहना है कि कैंसर से ठीक होने के लिए आपके अंदर मानसिक तौर पर मजबूती होनी चाहिए। आप घबराएं नहीं। साथ ही सही डॉक्टर के पास और सही अस्पताल में जाएं। इधर-उधर भटकने से आपकी परेशानी और भी बढ़ जाएगी।
जैसा देवेश पाल बोले:
अप्रैल 2023 में जब मैं हल्द्वानी में था तो मेरा पैर टॉप टू बॉटम सूज गया था। बरेली के एक निजी अस्पताल में मैंने सीटी स्कैन कराया लेकिन उन्होंने मुझे हायर सेंटर कर दिया। मैं हड्डी के डॉक्टर के पास पहुंचा जहां से परामर्श मिला कि आप किसी कैंसर स्पेशलिस्ट से मिलें। फिर मैं रूहेलखंड कैंसर इंस्टीट्यूट बरेली पहुंचा जहां एचओडी डॉ. अर्जुन अग्रवाल से मिला। वहां मुझे कैंसर से निजात पाने के लिए सही मार्गदर्शन मिलना शुरू हो गया। यह चमत्कार ही हुआ कि मुझे रिकॉर्ड समय में फुल ट्रीटमेंट मिल चुका था और 30 अक्टूबर 2023 तक मैं पूरी तरह से स्वस्थ हो चुका था। आज की तारीख मैं फिर से बैंक में नौकरी कर रहा हूं और पूरी तरह से स्वस्थ हूं।
कैंसर अब लाइलाज बीमारी नहीं: डॉ. पांडे
हल्द्वानी। स्टेट कैंसर इंस्टीयूट हल्द्वानी के निदेशक डॉ. केसी पांडे के अनुसार, कैंसर अब लाइलाज बीमारी नहीं है। जरूरी यह है कि आप समय से स्वास्थ्य परीक्षण करा लें। आम जन को कैंसर के लक्षणों को लेकर जागरूक होना चाहिए। अगर उन्हें कैंसर की तरह के लक्षण दिखें तो तुरंत ही इसकी जांच कराएं। समय से कैंसर का पता चलना कैंसर के इलाज में काफी कारगर होता है। इसके बाद उपचार में संयम रखें। कई लोग हैं जो कैंसर से स्वस्थ्य होकर आज अपना जीवन आसानी से जी रहे हैं।