Kanpur: ट्रांसपोटर्स को टाटा करके निकल गया बजट, डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने और टोल टैक्स पर मांगी थी राहत

कानपुर, अमृत विचार। ट्रांसपोर्टर्स को बजट से उम्मीद थी कि डीजल को जीएसटी के दायरे में लाएंगे, टोल टैक्स को लेकर भी सरकार बजट में कुछ राहत देगी लेकिन ट्रांसपोर्ट कारोबारियों को कुछ नहीं मिला जिससे मायूसी है। हालांकि मध्यम वर्ग के लिए आयकर में 12 लाख की छूट देकर बड़ी राहत दी है। बजट को लेकर ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
ट्रांसपोर्टरों को उम्मीद थी कि बजट में डीजल को जीएसटी के दायरे में लाकर सरकार बड़ी राहत देगी लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। आयकर में 12 लाख रुपये की छूट समेत कई ऐसी घोषणाएं हैं जिससे आम जन-मानस को बड़ी राहत मिलेगी। ट्रांसपोर्टरों के लिए कुछ खास नहीं।- श्याम शुक्ला, संरक्षक, उत्तर प्रदेश युवा ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन
सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हैकिल पर काफी राहत दी है। ऐसे में जब कभी ट्रांसपोर्टर्स इलेक्ट्रिक व्हैकिल लेंगे तो उन्हें कारोबार में बड़ी राहत मिलेगी। हालांकि कानपुर में अभी छोटे वाहन तो हैं लेकिन इलेक्ट्रिक ट्रक नहीं हैं, भविष्य में इसका लाभ ट्रांसपोर्टर्स को मिलेगा।- लवी गांधी, ट्रांसपोर्टर
टीडीएस में वरिष्ठ नागरिकों का तो सरकार ने ख्याल रखा है लेकिन डूबते ट्रांसपोर्ट कारोबार की ओर ध्यान नहीं दिया जबकि इस कारोबार से लाखों लोग जुड़े हैं। ट्रांसपोर्ट देश के विकास की रीढ़ है जिसके बिना विकास का पहिया नहीं बढ़ सकता, इसपर ध्यान देना चाहिए था। - आदित्य तिवारी, ट्रांसपोर्टर
कई वर्षों से मांग की जा रही थी कि टोल टैक्स साल में एक बार लेने का प्राविधान हो जाएगा लेकिन बजट में उसका कहीं जिक्र ही नहीं है। हालांकि कैंसर रोगियों के इलाज में पूरा परिवार बर्बाद हो जाता है जिन्हें कैंसर दवाओं में छूट से राहत मिलेगी। - विमल कुमार शुक्ला, ट्रांसपोर्टर
बीते कई वर्षों से ट्रांसपोर्ट व्यापार बुरी तरह से चरमराया है क्योंकि डीजल के बढ़ते दाम और टोल टैक्स ने कारोबार को चौपट कर रखा है। बजट ने ट्रांसपोर्ट व्यवसाय को बड़ा झटका दिया है। पूरे देश में जब तक टोल टैक्स एक समान नहीं होगा, तबतक ट्रांसपोर्ट व्यवसाय जूझता रहेगा।- राज कुमार सारन, ट्रांसपोर्टर
सरकार रोड टैक्स भरपूर ले रही है, ऐसे में टोल टैक्स में राहत देना चाहिए था लेकिन इसपर कोई चर्चा ही नहीं हुई। डीजल पर 28 प्रतिशत टैक्स है जो व्यवसायियों की कमर तोड़े है। डीजल के दाम कम होने से ही ये व्यापार फले फूलेगा क्योंकि भाड़े में कई वर्षों से कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। - सचिन मिश्रा, ट्रांसपोर्टर
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