USA: आतंकवादियों की सेल में रखे जाएंगे अवैध प्रवासी, डोनाल्ड ट्रंप ने ग्वांतानामो बे में केंद्र खोलने का दिया निर्देश
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वाशिंगटन।अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 'उच्च प्राथमिकता वाले अपराधी विदेशियों' को हिरासत में रखने के लिए ग्वांतानामो बे में 30,000 लोगों की क्षमता वाला केंद्र स्थापित करने के संबंध में एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। ग्वांतानामो बे हिरासत केंद्र का इस्तेमाल अब तक आतंकवादियों को रखने के लिए किया जाता रहा है, लेकिन अब इसमें आपराधिक रिकॉर्ड वाले अवैध प्रवासियों को भी रखा जाएगा। इस समझौते पर बुधवार को हस्ताक्षर किए गए। ट्रंप ने रक्षा विभाग और गृह सुरक्षा विभाग को यह केंद्र तैयार करने का निर्देश दिया।
ज्ञापन के अनुसार, ट्रंप ने उच्च प्राथमिकता वाले अपराधी विदेशियों को समायोजित करने और संबंधित प्रवर्तन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ‘नौसेना स्टेशन ग्वांतानामो बे’ में प्रवासी संचालन केंद्र के विस्तार का आदेश दिया। ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘अधिकतर लोगों को इसके बारे में पता भी नहीं है। हमारे पास ग्वांतानामो में 30,000 बिस्तर हैं, जहां हम अमेरिकी लोगों को खतरा पहुंचाने वाले सबसे खतरनाक अपराधी अवैध विदेशियों को हिरासत में रख सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘उनमें से कुछ इतने खतरनाक हैं कि हमें इस बात का भरोसा नहीं है कि उनके देश उन्हें हिरासत में रख पाएंगे। हम नहीं चाहते कि वे वापस आएं इसलिए हम उन्हें ग्वांतानामो भेज रहे हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने अप्रवासी हिरासत कानून पर किए हस्ताक्षर
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अवैध अप्रवासियों की सुनवाई-पूर्व हिरासत की अनुमति देने वाले अपने पहले कानून पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। यह कानून चोरी, सेंधमारी जैसे अपराधों में आरोपित अवैध अप्रवासियों को सुनवाई से पहले हिरासत में रखने का अधिकार देता है। 'लेकेन राइली एक्ट' को पहले अमेरिकी संसद के दोनों सदन 'हाउस और सीनेट' में द्विदलीय समर्थन मिला था। ट्रंप ने 20 जनवरी को कार्यभार संभालने के बाद पहले विधेयक के तौर पर इस पर हस्ताक्षर किए हैं। ट्रंप ने कहा, "इस कानून के तहत, गृह सुरक्षा विभाग को उन सभी अवैध अप्रवासियों को हिरासत में लेने का अधिकार होगा जो चोरी, सेंधमारी, डकैती, पुलिस अधिकारी पर हमला, हत्या या गंभीर चोट से जुड़े अपराधों के लिए गिरफ्तार किए गए हैं।" यह कानून जॉर्जिया की 22 वर्षीय नर्सिंग छात्रा लेकेन राइली के नाम पर रखा गया है। छात्रा की वेनेजुएला के एक अवैध अप्रवासी ने हत्या कर दी थी। ट्रंप ने इसे 'ऐतिहासिक कानून' करार दिया।
डेमोक्रेटिक पार्टी से सांसद डिक डर्बिन ने इस कानून की आलोचना करते हुए कहा कि यह संघीय सरकार की शक्तियों को कमजोर करता है और संविधान द्वारा निर्धारित आप्रवासन नीतियों के खिलाफ है। सीनेट में यह विधेयक 35 के मुकाबले 64 वोट से पारित हुआ, जबकि हाउस में इसे 156 के मुकाबले 263 मतों से मंजूरी मिली।
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